#CoronaUpdates: कोरोना की पहली लहर की तरह इस बार केंद्र सरकार सारे फैसले खुद नहीं ले रही है, बल्कि राज्य सरकारों को अपने फैसले लेने के लिए कह रही है। लॉकडाउन के फैसले को भी केंद्र ने राज्य सरकारों के हवाले किया हुआ है। लॉकडाउन पर बढ़ते दबाव के बीच केंद्र ने साफ कर दिया है, कि राज्यों को दिशा निर्देश दिए हुए हैं। इनके हिसाब से ही राज्यों को फैसला लेना है। हालांकि पहली लहर में केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लगाया था।
लॉकडाउन पर बढ़ रहे दबाव के बीच नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि केंद्र सरकार संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए राज्य सरकारों को दिशा निर्देश मिल चुके हैं। उन्हें क्या प्रतिबंध लगाने हैं, इस बारे में उन्हे बता दिया गया है। यदि भविष्य में कुछ और करने की जरूरत पड़ती है तो उसको लेकर हमेशा चर्चा की जाती है।
वीके पॉल ने कहा कि अगर संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ता है तो चेन को तोड़ने के लिए प्रतिबंध लगाए जात हैं। लोगों के आने जाने पर भी रोक लगा दी जाती है। इस बारे में 29 अप्रैल को केंद्र ने गाइडलाइंस जारी की गई थी जिसमें कहा गया था, हमें ट्रांसमिशन को रोकने के लिए जिन इलाकों में संक्रमण दर 10 परसेंट से ज्यादा है, वहां पर सरकारों को नाइट कर्फ्यू लगाने की सिफारिश की गई थी। इसपर अंतिम फैसला राज्य सरकारों को लेना है। साथ ही सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक कार्यक्रमों पर रोक है। शॉपिंग कॉम्पलेक्स, सिनेमा घर, रेस्त्रां, बार, स्पोर्ट्स कॉम्लेक्स, स्वीमिंग पूल, धार्मिक स्थल आदि को बंद करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय हालात का आकलन करें और उस हिसाब से फैसला लें। इस दिशा निर्देश के आधार पर राज्य सरकारें फैसला ले रहे हैं।