#CoronaUpdate: कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए सेना ने अपने पूर्व मेडिकल स्टॉफ को उतारने की तैयारी पूरी कर ली है। सेना ने देश के सभी इलाकों में पूर्व डॉक्टर्स और नर्सेज की लिस्ट तैयार कर ली है। जिन्हें वो अब सिविल अस्पताल के साथ आम लोगों के इलाज का काम सौंपेंगी। अभी तक भी सेना ने बहुत सारे अस्पताल और अन्य सुविधाएं तैयार कर दी हैं। कुछ जगह तो सेना खुद ही कोरोना अस्पतालों को चला रही है।
अभी तक कोरोना मरीजों को सिविल अस्पताल ही देख रहे थे। लेकिन अब देश के कुछ हिस्सों में डीआरडीओ अस्पतालों में भी आम लोगों का इलाज़ चल रहा है। इसके साथ ही मेडिकल कोर के पूर्व डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ की जानकारी भी देशभर से एकत्र हो गई है। यानि कौन कहां है और कितना तैयार है, ये सभी जानकारी सेना मुख्यालय के पास पहुंच गयी है।
दरअसल सभी सैन्य छावनियों के अंतर्गत सभी जगह पूर्व सैनिकों और अधिकारियों की समस्याओं व जरूरतों के लिए एक कर्नल वेटरन नियुक्त किए जाते हैं, वहीं मेडिकल कोर के पूर्व डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की जानकारी एकत्र की गई है। इसमें पूर्व सैनिक संगठनों ने भी अपना योगदान दिया है। जानकारी के मुताबिक सेना के पूर्व सेवानिवृत्त सभी डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं उनकी सुविधा के मुताबिक उनके आसपास के इलाकों में ली जाएंगी। विकट परिस्थितियों में चिकित्सकीय सेवा का अनुभव रखने वाले कोर के डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ को आपात स्थिति में कोविड उपचार में शामिल किया जाएगा।
दरअसल सेना मेडिकल कोर पहले भी मुश्किल हालातों में सेवा करने के लिए जाना जाता है। फिलहाल देश में जो स्थिति है। उसमें सिविल स्वास्थ्य सेवाएं भारी दबाव में हैं। इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना प्रमुख से बात करके पूर्व डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को मदद के लिए कहा था। आर्मी मेडिकल कोर में 13,200 चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ तो है ही साथ ही इसमें करीब एक लाख से ज्य़ादा लोग पूरे देश भर में भी काम कर रहे हैं।