#IMD: देश के पश्चिमी तट पर ताऊ ते के तबाही मचाने के बाद अब पूर्वी तट पर यास आगे बढ़ चुका है। इससे उड़ीसा, बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में तबाही मच सकती है। लिहाजा केंद्र सरकार ने तुरंत इसपर एक्शन लिया है और नौ सेना सहित सभी एजेंसियों को तैयार रहने के लिए कहा है। रविवार को प्रधानमंत्री खुद इस मुद्दे पर सभी एजेंसियों की तैयारियों पर बैठक लेने जा रहे हैं।
इसी सप्ताह के शुरुआत में देश के पश्चिमी तट पर आए साइक्लोन “ताऊ ते” में संपत्ति की तबाही तो भारी हुई। लेकिन सभी एजेंसियों की सर्तकता के कारण कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। हालांकि एक मानवीय भूल की वजह से बार्ज डूब गया और इसमें ही सबसे ज्य़ादा लोग मारे गए। इस साइक्लोन ने महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, कर्नाटक और गोवा में भारी तबाही मचाई थी। बहुत सारे घर और संपत्तियों को नुकसान हुआ था। मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने इस तूफान के बारे में कहा है कि ये “बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान” है। जोकि 26 मई को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल से टकरा सकता है।
इस खतरनाक साइक्लोन ‘यास’ को देखते हुए पीएम मोदी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के अधिकारियों के साथ कर रहे हैं। जिसमें पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। इस बैठक में पीएम मोदी चक्रवाती तूफान ‘यास’ के खिलाफ की जा रही तैयारियों की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी के साथ इस बैठक में टेलिकॉम, बिजली, नागरिक उड्डयन और भू विज्ञान मंत्रायल के सचिव भी शामिल होंगे। बैठक में लोगों को तटीय इलाकों से निकालने के बंदोबस्त पर भी ज़ोर दिया जा सकता है। पिछले तूफान में सरकार ने करीब 5 लाख लोगो को समुद्र के किनारों से सुरक्षित स्थानों पर निकाला था। लिहाजा जान का नुकसान कम हुआ था।
मौसम विभाग के मुताबिक 26 मई की शाम ये साइक्लोन पश्चिम बंगाल,ओडिशा और पड़ोसी देश के तटों की तरफ बढ़ेगा। पश्चिम बंगाल, उत्तरी ओडिशा और बांग्लादेश के तटों पर 26 मई की सुबह से हवा की रफ्तार 90-100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने सकती है। जोकि देर शाम और तेज़ हो सकती है। इतनी तेज़ हवाएं और बारिश जान माल और अन्य संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। लिहाजा जानों को बचाने और संपत्तियों को कम नुकसान पहुंचे इसकी तैयारियां चल रही हैं।