#VaccinationToAll: वैक्सीन की दो डोज़ लगने के बाद भी क्या बूस्टर डोज़ की जरूरत होगी, इस बात का पता लगाने के लिए केंद्र सरकार एक स्टडी करवा रही है। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोई भी वैक्सीन 100 परसेंट सुरक्षा नहीं दे सकती, लेकिन आपके बीमार होने के ख़तरे को काफी कम कर सकती है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने बताया कि सरकार फिलहाल एक स्टडी पर काम कर रही है। जिसमें हम पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या COVID-19 बूस्टर खुराक की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई वैक्सीन नहीं बनी है जो वायरस से शत-प्रतिशत सुरक्षा दे सकती हो।
डॉ वी के पॉल ने कहा कि अगर जरूरत होगी, तो हम अपनी स्टडी के बाद इस बारे में बताएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि वैक्सीनेशन के जरिए हम सभी को एक विशेष बीमारी के लिए प्रतिरक्षित करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “अगर बूस्टर डोज की जरूरत होगी तो यह बताया जाएगा। फिलहाल कोवैक्सिन का ट्रायल चल रहा है कि इसकी (बूस्टर डोज) छह महीने बाद लिया जाना चाहिए या नहीं।”
उन्होंने कहा कि, “बस दिशानिर्देशों का पालन करें, दो खुराक लें और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें। आप गंभीर बीमारी से सुरक्षित हैं लेकिन सावधान रहें। सुरक्षा पूरी तरह से 100 प्रतिशत नहीं है”। “एक बार बूस्टर की आवश्यकता और बूस्टर के समय के बारे में पता चल जाने के बाद, उन दिशानिर्देशों को बताया जाएगा”। इससे पहले इस तरह की ख़बरें भी आ रही थी कि कोरोना के अलग अलग वेरिएंट वैक्सीन के सुरक्षा चक्र को तोड़ सकते हैं। लिहाजा कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज़ लगवाने की जरूरत होगी। इसी वजह से सरकार भी इन बूस्टर डोज़ के बारे में स्टडी करवा रही है।
फिलहाल देश में केंद्र सरकार ने राज्यों को 22 करोड़ मुफ्त वैक्सीन दी हैं। जबकि अभी तक कुल मिलाकर 20 करोड़ वैक्सीन लग चुकी हैं।