#PriyankKanoongo: राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने कहा है कि कोरोना के कारण जिन बच्चों के माता पिता नहीं रहे हैं, उनको आयोग परिवार देगा, उनको अनाथालयों में पलने नहीं दिया जाएगा। आयोग ने इसके लिए एक बाल स्वराज पोर्टल (Bal Swaraj portal) लांच किया है। राज्यों को कहा गया है कि राज्य इसपर जानकारी अपलोड कराएं।
राष्ट्रीय आयोग ने शनिवार को सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के प्रधान सचिव के नाम पत्र लिखा है। इसमें लिखा गया है कि अगर किसी बच्चे के माता पिता कोरोना के कारण नहीं रहे हैं तो उसकी जानकारी बाल स्वराज पोर्टल पर अपलो की जाए। आयोग ने कहा है कि किसी भी बच्चे को अनाथालय में पलने नहीं दिया जाएगा। बल्कि उनके लिए एक परिवार का प्रबंध कराया जाएगा। अभी तक मिले डेटा के मुताबिक करीब 577 बच्चे ऐसे हैं। जिनके ऊपर से माता पिता का साया उठ गया है। इनमें से करीब 200 बच्चे अकेले मध्यप्रदेश से है। ऐसे सभी बच्चों का राज्य से पुर्नवास कराया जाएगा। आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने बताया कि इन बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ साथ 2000 रुपये के स्पांसरशिप का बंदोबस्त करने के लिए राज्यों को कहा गया है। दरअसल देश में अक्सर इस तरह के बच्चों को अनाथालयों में भेज दिया जाता है। जहां ये बच्चे परिवार से दूर हो जाते हैं। इसलिए ऐसे बच्चों को हम पूरी चर्चा के बाद ही किसी को सौंपेंगे।
दरअसल देश में अनाथालयों में बच्चों के विकास को लेकर ऐसी स्टडी आई हैं, जिनमें परिवार में पलने वाले बच्चों और अनाथालयों में पलने वाले बच्चों की परवरिश और उनकी मानसिक स्थिति में बहुत फर्क होता है। लिहाजा आयोग बच्चों को परिवार देने पर ज्य़ादा ज़ोर देता है।