#Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में एक बार फिर बीजेपी मायावती के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाएं हो रही है। अगले साल होने वाले राज्य के चुनावों में बीजेपी ने अपनी रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। इसी के तहत सबसे पहले कांग्रेस का बड़ा ब्राहमण चेहरा जितेंद्र प्रसाद को बीजेपी में शामिल करा दिया गया है। एक ब्राहमण नेता के साथ साथ अब बीजेपी पिछड़े वर्ग को साथ लाने के लिए मायावती से बैकडोर से बातचीत कर रही है।
पिछले चुनावों में राज्य विधासभा की कुल 403 सीटें हैं। पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 325 सीटें जीती थी। लेकिन फिलहाल स्थितियां बदली हुई है। इसी वजह से बीजेपी पिछली सीटों पर मायावती के साथ मिलकर लड़ने पर विचार कर रही है। राज्य में मायावती की स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद भी पिछड़े वर्ग में मायावती की बहुत अच्छी पैठ अभी भी बरकरार है। साथ ही मायावती ने खुद भी कहा था कि वो समाजवादी पार्टी को हराने के लिए बीजेपी के साथ आ सकती हैं। हालांकि पिछला चुनाव मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि इससे पहले भी मायावती ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन टूटने के बाद ही बीजेपी के साथ गठबंधन किया था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक राज्य का एक बड़ा तबका मायावती के साथ पुराने अनुभवों को देखते हुए गठबंधन नहीं करने का सुझाव दे रहा है। लेकिन करीब 100 सीटें ऐसी हैं जहां मायावती का प्रभाव काफी ज्य़ादा है। इन सीटों पर पिछड़ी जातियां ही चुनाव का रूख तय करती हैं। इसी वजह से बीजेपी का एक तबका जहां मायावती के साथ जाने की वकालत कर रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस वापस पिछड़ी जातियों में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहती है, ऐसे में मायावती का बीजेपी के साथ आना विपक्ष के लिए दूसरा बड़ा झटका हो सकता है।