#ArvindKejriwal: दिल्ली के चिल्ड्रन होम में बच्चों को ज़मीन पर सुलाया जा रहा है, इसको लेकर राष्ट्रीय बाल आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली सरकार के मंत्री को सोशल मीडिया पर फटकार लगाई है। दरअसल दिल्ली के सोशल जस्टिस मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने एक विडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था। जिसमें उन्होंने एक ऑब्जर्वेशन होम का दौरा किया था। लेकिन जब उस होम का दौरा कर रहे थे तो होम में बच्चों के लिए जम़ीन पर गद्दे बिछाए हुए थे। इसको देखकर राष्ट्रीय बाल आयोग चेयरमैन भड़क गए। उन्होंने सोशल मीडिया पर ही लिखा कि बच्चे जम़ीन पर क्यों सोते हैं, पलंग पर क्यों नहीं, ये तो राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नहीं है और आप वर्ल्ड क्लास लिख रहे हो।
इसके बाद दिल्ली के मंत्री थोड़ा दबाव में आ गए, उन्होंने इसका जवाब सोशल मीडिया पर देने से इंकार कर दिया। उन्होंने लिखा प्रिय प्रियंक जी, बच्चे ज़मीन पर क्यों सोते हैं, इसका जवाब में जरूर देना चाहुंगा, लेकिन सोशल मीडिया पर नहीं। गौतम ने आगे लिखा कि मैं बच्चों के पलंग पर ना सोने का कारण समझता हूं आप चाहे तो एक्सपर्ट ओपिनियन ले सकते हैं।
इसके बाद तो प्रियंक कानूनगो ने तो लिखा कि “माननीय मंत्री जी आपके तथाकथित expert बोलेंगे कि बच्चे झगड़ा करने में पलंग तोड़ कर उसका इस्तेमाल करते हैं इसलिए पलंग नहीं देते! ये बहाना है। जे जे ऐक्ट एवं नियमावली में बच्चों के ICP एवं उम्र के अनुसार उनके प्रथक्किकृत व्यवस्थापन के लिए साफ़ लिखा है। कृपया पढ़कर पालन करवाइए”।
दरअसल दिल्ली और पश्चिमी बंगाल ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की लिस्ट अभी तक केंद्र सरकार को नहीं सौंपी है। ये लिस्ट बाल स्वराज पोर्टल पर अपलोड करनी थी। जिसके बाद इन बच्चों को केंद्र सरकार सारी सहूलियतें देगी। लेकिन दिल्ली और पश्चिम बंगाल इन बच्चों का सर्वे ही नहीं करना चाह रही। हालांकि दबाव बढ़ने पर दिल्ली सरकार के मंत्री ने अपने ऑब्जर्वेशन होम का एक विडियो बनाकर शेयर किया, जिसको वो वर्ल्ड क्लास बता रहे थे। जिसको लेकर प्रियंक कानूनगो भड़क गए।