#SocialMedia: सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर लगातार भारत विरोधी काम कर रही है। ट्विटर ने दूसरी बार भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग देश दिखाया है। हालांकि दबाव के बाद कंपनी ने माफी तो मांग ली है। लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि क्या केंद्रीय आईटी मंत्रालय एक बार फिर बिना किसी सज़ा के ट्विटर को छोड़ देगा।
ट्विटर कंपनी के लिए भारत बेशक एक बड़ा बाजार हो, लेकिन वो भारत की संप्रभुता का लगातार मजाक बनाता आ रहा है। लोग बार बार ये सवाल उठा रहे हैं कि कैसे एक विदेशी कंपनी भारत में आकर देश के कानून के साथ खिलवाड़ कर रही है और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद कुछ नहीं कर पा रहे हैं। हालांकि लोगों के भारी विरोध के बाद ट्विटर को अपनी वेबसाइट से भारत का गलत नक्शा हटाना पड़ा।
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इससे पहले नवंबर, 2020 में कंपनी ने लेह-लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखा दिया था। तब भारत सरकार ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और ट्विटर ने लिखित माफीनामा मांगा था। लेकिन फिर दोबारा ऐसा किया है।
ट्विटर के इस भड़काऊ रवैये से भारत में अभी भी भारी रोष है। पहले तो इसे प्लेटफार्म को इस्तेमाल करने वाले भारतीयों ने ही कंपनी को काफी खरी-रोटी सुनाई। ट्विटर को प्रतिबंधित करने (twitterBan) की मांग भी उठ रही है। दूसरी ओर सरकार इस बात की जांच कर रही है कि क्या विदेशी कंपनी कहीं बार-बार जानबूझकर भारत की संप्रभुता को चुनौती देने का काम तो नहीं कर रही है। भारत ने पिछले साल ट्विटर को साफ तौर पर कहा था कि वह भारत की संप्रभुता के साथ कोई भी समझौता करने वाले कदम नहीं उठाए, उसके बावजूद भी भारत का नक्शा गलत दिखाया गया।
अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी भारत में तानाशाह की तरह काम कर रही है। पहले तो वह आइटी एक्ट का ही पालन नहीं कर रही थी और जब संसदीय समिति के सदस्यों ने कंपनी प्रतिनिधि से इस बारे में पूछताछ की तो उसका कहना था कि वह ट्विटर की तरफ से तय नियमों को पालन करता है। इस पर सदस्यों ने स्पष्ट किया था कि ट्विटर को भारत में कारोबार करना है तो भारतीय कानून का पालन करना ही होगा। ख़ास बात ये है कि इन सोशल मीडिया कंपनियों को अभी तक भारत में अपना कोई अधिकारी नियुक्त करने तक की जरूरत नहीं थी। लेकिन जब स्थितियां हाथ से बाहर होने लगी तो सरकार ने आइटी कानून 26 मई, 2021 लागू किया। जिसके तहत इंटरनेट मीडिया चलाने वाली हर कंपनी को भारत में कुछ खास अधिकारियों की नियुक्ति करनी है। ट्विटर कंपनी को छोड़कर हर प्रमुख कंपनी नियुक्तियां कर दी हैं। हालांकि अधिकारिक तौर पर ट्विटर ने धर्मेंद्र चतुर की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन उन्होंने एक हफ्ते के भीतर ही यह पद छोड़ दिया। अब कैलिफोर्निया के जेरमी केसेल को इस पद पर नियुक्त करने की घोषणा की है। लेकिन यह भारतीय कानून के मुताबिक नहीं है। आइटी एक्ट के मुताबिक इस पद पर भारत में निवास करने वाले किसी व्यक्ति को ही नियुक्ति किया जा सकता है।