UK High Court : ब्रिटिश हाई कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को आखिरकार दिवालिया घोषित कर दिया है। अब भारतीय बैंकों के लिए दुनिया भर में फैली उसकी संपत्तियों को जब्त करने का रास्ता भी आसान हो गया है। माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर भारतीय बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है। कंपनी डूबने पर और कर्ज वसूली के लिए दबाव पड़ने पर वो बिना कर्ज चुकाए लंदन भाग गया था।
माल्या के खिलाफ भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के एक ग्रुप में ब्रिटिश कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। माल्या बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग मामले में भारत में वांछित है। वो ब्रिटेन में जमानत पर है और उसने वहां शरण लेने के लिए अपील भी कर रखी है।
हाई कोर्ट के चांसरी डिविजन की वर्चुअल सुनवाई के दौरान चीफ इंसाल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट (आइसीसी) के जज माइकल ब्रिग्स ने माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया है। जज ने कहा कि उन्हें यह तय करना है कि क्या तय समय सीमा में बैंकों को पूर्ण भुगतान किया जा सकेगा। जज ने यह भी कहा कि इसकी संभावना बहुत कम है कि माल्या समय पर पूर्ण कर्ज का भुगतान कर पाएगा।
माल्या ब्रिटेन हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ऊंची अदालत में जा सकता है। सुनवाई के दौरान जज ने माल्या के वकील से पूछा कि क्या उनके मुवक्किल के आपराधिक मामलों का सामना करने के लिए भारत जा सकते हैं तो माल्या के वकील ने बताया कि ऐसी कोई संभावना नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुताबिक मनी लांड्रिंग-रोधी कानून के तहत किंगफिशर एयरलाइंस के अटैच किए गए शेयरों को बेचकर एसबीआइ के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम को 792.11 करोड़ रुपये मिल गए हैं। ईडी की ओर से जारी बयान के मुताबिक देश के दो सबसे बड़े बैंक लोन घोटालों में फंसी कुल रकम का करीब 58 परसेंट हिस्सा बैंकों और सरकार को वापस मिल चुका है।
उधर दूसरी ओर दिवालिया घोषित होने के बाद माल्या ने कहा कि ईडी ने उनकी 14 हज़ार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। जबकि उन्होंने बैंकों को सिर्फ 6.2 हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया था।