Delhi Police Commissioner: रिटायर होने से दो दिन पहले सरकार ने राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमीश्नर बना दिया। अभी दिल्ली में पुलिस कमीश्नर की अतिरिक्त जिम्मेदारी बालाजी श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। अस्थाना गुजरात कैडर के 1984 बैच के वरिष्ठ आइपीएस है और सरकार ख़ासकर गृह मंत्री अमित शाह के सबसे करीबी माने जाते हैं। फिलहाल दिल्ली में दिल्ली दंगों और केजरीवाल सरकार के भ्रष्ट्राचार के कई मामले लंबित है। अस्थाना के कमीश्नर बनने के बाद उम्मीद है, इनकी जांच में तेज़ी आएगी।
अस्थाना अभी बीएसएफ़ के डीजी पद पर तैनात थे। उनके रिटायरमेंट में महज दो दिन बचे हैं। लेकिन कमीश्नर बनाने के बाद उन्हें फिलहाल एक साल का सेवा विस्तार भी दिया गया है। मंत्रालय के उक्त आदेश के मुताबिक वह 31 जुलाई 2022 तक दिल्ली पुलिस के आयुक्त पद पर रहेंगे। दिल्ली पुलिस के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब गैर यूटी कैडर के आईपीएस को कमीश्नर बनाया गया है।
इनसे पहले भी 1999 में भी भाजपा की सरकार ने ही यूपी कैडर के आइपीएस अजय राज शर्मा को दिल्ली पुलिस का आयुक्त बनाया था। वह करीब तीन साल तक आयुक्त रहे थे। 1988 बैच के यूटी कैडर के आइपीएस बालाजी श्रीवास्तव के पास अब केवल विजिलेंस की जिम्मेदारी रहेगी। वह विशेष आयुक्त विजिलेंस पद पर रहेंगे।
एस एन श्रीवास्तव के सेवानिवृत्त होने के बाद 30 जून को ही उन्हें आयुक्त का पदभार संभाला था। वह इस पद पर महज 28 दिन ही रह पाए। माना जा रहा है कि राहुल गांधी के ट्रैक्टर लेकर संसद मार्ग पहुंच जाने के कारण उन्हें हटाया गया है।
अस्थाना का उत्तर प्रदेश के आगरा के रहने वाले हैं। अस्थाना का जन्म 1961 में झारखंड (तत्कालीन बिहार) के रांची में हुआ था। मूलरूप से आगरा के निवासी राकेश अस्थाना के पिता नेतरहाट स्कूल में फीजिक्स के टीचर थे। परिवार रांची में ही होने की वजह से उनका जन्म वहीं पर हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट स्कूल और फिर रांची के सेंट जेवियर्स से हुई।
चारा घोटाला
काफी तेज-तर्रार ऑफिसर माने जाते हैं। चारा घोटाले से जुड़े मामले की जांच में राकेश अस्थाना की अहम भूमिका रही थी। सीबीआई एसपी रहते हुए उन्होंने चारा घोटाले की जांच टीम की अगुआई की थी। जिसमें लगातार दबाव के बाद भी वो लालू के खिलाफ सबूत जुटाने में कामयाब रहे। बाद में इन्हीं सबूतों के कारण लालू यादव को जेल तक जाना पड़ा था। राकेश अस्थाना नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीजी अतिरिक्त प्रभार में भी रहे हैं। उनकी निगरानी में ही सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स केस की जांच शुरू हुई थी और कई हाई प्रोफाइल गिरफ्तारियां भी हुई थी।
इशरत जहां केस में भी राकेश अस्थाना ही इंचार्ज थे। इस मामले को लेकर काफी हो हल्ला मचा था। लेकिन कई जांच के बाद भी राकेश अस्थाना पर कोई आंच नहीं आई।
आसाराम के बेटे की गिरफ्तारी
जोधपुर पुलिस के संत आसाराम बापू को गिरफ्तार करने के बाद उनके बेटे नारायण साईं मानव तस्करी के रैकेट में शामिल था। बाद में गुजरात सरकार ने उसे गिरफ्तार करने का फैसला किया और नारायण सांई को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी राके अस्थाना को ही दी गई थी।