Hindu Refugee Camps : दिल्ली सरकार को हिंदू शरणार्थी शिविरों में भी सुविधाएं देने के निर्देश

Hindu Refugee Camps : दिल्ली हाई कोर्ट ने पाकिस्तान और अन्य देशों से जान बचाकर आए हिंदुओं को सुविधाएं देने के लिए कहा है। दिल्ली सरकार के शरणार्थियों को सुविधाएं नहीं देने पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक PIL दाखिल हुई है। जिसपर दिल्ली सरकार को ये निर्देश दिए गए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को राष्ट्रीय राजधानी में शरणार्थी शिविरों में रहने वाले पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों के लिए भोजन, पानी, स्वच्छता और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग वाली जनहित याचिका पर विचार करने का निर्देश दिया। दरअसल दिल्ली सरकार रोहिंग्या को तो सारी सुविधाएं मुहैया करा रही है। लेकिन हिंदु शरणार्थियों को लेकर उसका रवैया बहुत ही ढीला ढाला है। लिहाजा इस मामले को लेकर एडवोकेट गौतम झा और पंकज सिंह ने हाई कोर्ट में एक अपील दायर की थी। जिसपर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को ये निर्देश दिए हैं।

क्या है मामला

दिल्ली सरकार जहां रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए बिजली, पानी, राशन और नौकरी तक देने की वकालत कर रही है। वहीं केजरीवाल सरकार पाकिस्तान से जान बचाकर भागकर भारत आए हिंदु शरणार्थियों को बार बार कहने के बाद भी ना बिजली दे रही है और ना पानी। हालत ये है कि सिग्नेचर ब्रिज और मजनू का टीला इलाके में नारकीय जिंदगी जी रहे इन शरणार्थी हिंदुओं को गंदे नाले में तब्दील हो चुकी यमुना के पानी से शौच धोने के कारण भंयकर बीमारियां हो रही हैं। इसको लेकर ही कुछ एनजीओ ने दिल्ली हाई कोर्ट में ये पीआईएल दायर की थी।

रोहिंग्या अवैध घुसपैठियों को सुविधाएं


दिल्ली सरकार के मंत्री रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए खुद मौके पर जाकर उनको ना सिर्फ सुविधाएं दिलवा रहे हैं। बल्कि हाल ही में जिन अवैध घुसपैठियों ने सरिता विहार इलाके में ज़मीन पर कब्जा जमा लिया था, उनकी झुग्गियां जलने पर उन्हें 10 हज़ार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी की गई थी।
इन इलाकों में काम करने वाली संस्था ह्यूमेनेटेरियन एड इंटरनेशनल के सीईओ सुधांशु के मुताबिक दिल्ली के मजनू का टीला, सिग्नेचर ब्रिज और रोहिणी, आदर्श नगर, फरीदाबाद में 2013 में पाकिस्तान से बड़ी संख्या में अपनी जान बचाकर ये हिंदु आए थे। लेकिन मजनू का टीला और सिग्नेचर ब्रिज के नीचे रहने हुए आप इनकी हालत देख लेंगे तो आंख में आंसू आ जाएंगे। इन 700 परिवारों के पास ना बिजली है और ना पीने के पानी का इंतज़ाम, यहां बड़ी मुश्किल से दिल्ली सरकार ने सिर्फ 16 ही टॉयलेट लगवाएं हैं, लिहाजा ज्य़ादातर नदी के किनारे पर शौच करने जाते हैं। इससे नदीं के गंदे पानी से ही शौच धोते हैं। ऐसे में कईयों को पेट और स्किन की गंभीर बीमारियों ने जकड़ लिया है। इनके रहने के आसपास कुड़ा भी पड़ा रहता है। इसके पास ही सिग्नेचर ब्रिज के नीचे जंगल में रहने वाले दूसरे कैंप की हालत तो और भी खराब है। यहां ना ही बिजली है ना ही पानी है और ना टॉयलेट हैं। जिस जगह ये रह रहे हैं वहां आम आदमी जाएगा तो डर जाएगा। हमने लगातार इनकी सुविधाओं के बारे में लिखा है। लेकिन दिल्ली सरकार से इन लोगों को अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है।

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