Rs200 crore fraud: अगर आपके पास गृह मंत्रालय या फिर किसी अन्य मंत्रालय के लैंडलाइन नंबर से फोन आए, तो हो सकता है कि कोई आपके साथ धोखेबाज़ी करने के लिए ऐसा कर रहा हो। दरअसल बाज़ार में ऐसे सॉफ्टवेयर उपलब्ध है, जिनसे लैंडलाइन नंबर भी हैक किया जा सकता है। ताजा मामले में धोखाधड़ी के केस में जेल में परेशान फोर्टिस समूह के पूर्व प्रमोटर्स का परिवार खुद भी धोखे का शिकार हो गया है। धोखेबाज़ों ने 200 करोड़ रुपये की चिटिंग में गृह मंत्रालय का फोन हैक कर उसके नंबरों का इस्तेमाल किया था। हैरानी का बात ये है कि एक एक पैसे के लिए अदालत में लड़ाई लड़ रहे शिवेंद्र और मलविंद्र सिंह के परिवार ने रिश्वत के तौर पर 200 करोड़ रुपये नकद रिश्वत के तौर पर दे भी दिए थे। वो तो बाद में पता चला कि इनके साथ धोखाधड़ी हो गई है।
फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह की पत्नी अदिति सिंह ने 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी और उनके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल मामला ये है कि EOW ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड में 2,397 करोड़ रुपये के गबन के आरोप में शिविंदर और उनके बड़े भाई मालविंदर मोहन सिंह को अक्टूबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में ईडी ने भी शिविंदर और अन्य को 12 दिसंबर, 2019 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया। बाद में शिवेंद्र की पत्नी आदिति सिंह की पत्नी ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति ने उसे 200 करोड़ रुपये की ठगी की, जिसने खुद को गृह मंत्रालय का अधिकारी बताया और अपने पति के मामलों में मदद का वादा किया था। स्पेशल सेल ने रोहिणी जेल से एक कैदी सुकेश चंद्रशेखर और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। बाद में मामला EOW को ट्रांसफर कर दिया गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (EOW) आर के सिंह ने बताया कि चंद्रशेखर इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। उसने एक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर गृह मंत्रालय के लैंडलाइन फोन को हैक कर लिया और फिर उन नंबरों से आदिति को फोन किया। ताकि शिवेंद्र के परिवार को यह विश्वास दिलाया जा सके कि कॉल मंत्रालय से आई थी।
पुलिस ने अपनी जांच में यह भी पाया कि कनॉट प्लेस में एक बैंक मैनेजर कोमल पोद्दार और उसके सहयोगी अविनाश कुमार और जितेंद्र नरूला भी इस धोखाधड़ी में शामिल थे। इन लोगों ने मिलकर बैंक के चैनल से 200 करोड़ रुपये नकद का इंतज़ाम किया था।