पिछले करीब 10 महीनों से किसान आंदोलन के दिल्ली को जोड़ने वाले दो नेशनल हाईवे बंद होने और लगातार सरकारी और राजनैतिक कार्यक्रमों को डिस्टर्ब होने के बाद अब हरियाणा सरकार ने रणनीति बदली है। अब मनोहर लाल सरकार हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निबटेगी।
Farmers Protest: हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को लेकर अपनी रणनीति में बदलाव कर लिया है। अब मनोहर लाल खट्टर सरकार किसान प्रदर्शनकारियों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को चलने देगी, लेकिन किसी कार्यक्रम में घुसने और वहां नारेबाज़ी को सख्ती से निबटेगी। सूत्रों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसी भी हिंसा के मामले में प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
पिछले कई महीनों से, सत्तारूढ़ भाजपा और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता किसानों के विरोध के चलते कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं कर पा रहे हैं। कई मौकों पर नेताओं को किसी भी किसान प्रदर्शनकारियों के साथ सीधे टकराव से बचने के लिए अपने दौरे रद्द करने पड़े हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अब सरकार “विरोध की आड़ में और अधिक हिंसा को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं थी”, और अगर किसान “अपनी सीमा से अधिक” और भाजपा या जेजेपी नेताओं को बाधित करते हैं, या उनके द्वारा शामिल किसी भी आधिकारिक या सार्वजनिक समारोह को बाधित करते हैं, तो पुलिस बल का प्रयोग करेगी। दरअसल हरियाणा में पंचायत चुनाव आने वाले हैं। उनसे पहले रणनीति में बदलाव आया है। बीजेपी और जेजेपी दोनों ही सार्वजनिक कार्यक्रम ना कर पाने को लेकर परेशान है, लिहाजा अब प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निबटा जाएगा।
सोमवार को करनाल में हुए लाठीचार्ज के बाद मुख्यमंत्री के बयान में खट्टर सरकार की रणनीति में बदलाव के संकेत साफ दिखाई दे रहे थे। उन्होंने कहा था “अगर मैं एक मुक्का हवा में घुमाऊं, तो ये मेरा आजादी है। मगर वो मुक्का आपकी नाक पे लगे, तो उसे स्वतंत्रता नहीं कह जा सकता
किसानों ने आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिन्हें वीडियो में करनाल में जिला प्रशासन के कार्यालयों का घेराव करने की धमकी दी, तो “सिर तोड़” देना कहते हुए पाया गया थ।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और कई मंत्रियों ने किसान संघों के नेताओं ने साफ कर दिया है कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं। फिर भी, अगर किसान संतुष्ट नहीं हैं, तो वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रख सकते हैं। सीएम ने स्पष्ट किया है कि वे काले झंडे दिखा सकते हैं, नारे लगा सकते हैं। लेकिन अगर वे किसी भी आधिकारिक समारोह या किसी राजनीतिक दल के समारोह को बाधित करने की कोशिश की तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के एक करीबी के मुताबिक “दिल्ली चंडीगढ़ और दिल्ली रोहतक पर नाकेबंदी के कारण पूरी सोनीपत, बहादुरगढ़ बेल्ट बुरी तरह प्रभावित है। उद्योग लगभग बर्बाद हो चुके हैं। साथ ही किसान प्रदर्शनों के नाम पर असमाजिक तत्व कानून-व्यवस्था को बाधित करते हैं तो पुलिस को निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी।