डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ चल रहे एक मर्डर के मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के जज ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है। इस केस में मामला सीबीआई पंचकुला की अदालत में चल रहा है, लेकिन जिसका मर्डर हुआ था, उसके बेटे ने मामले को पंचकुला से किसी अन्य अदालत में शिफ्ट करने की अपील की थी।
Dera chief Ram Rahim: डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रणजीत सिंह हत्याकांड में दायर एक याचिका की सुनवाई से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक जज ने गुरुवार को केस से खुद को अलग कर लिया, इस अपील में इस केस को पंचकूला सीबीआई अदालत से इसे ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
यह केस जज अरविंद सिंह सांगवान की पीठ के सामने सुनवाई के लिए आया था, जिसमें उन्होंने आदेश दिया कि, “यह मेरे संज्ञान में आया है कि मैं रंजीत सिंह (जिसकी हत्या का मुकदमा है) की ओर से एक वकील के रूप में भी पेश हुआ। माननीय मुख्य न्यायाधीश से उचित आदेश प्राप्त करने के बाद, इस मामले को किसी अन्य पीठ के सामने सुना जाए।”
इससे पहले हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुनवाई की अगली तारीख तक, रंजीत सिंह हत्याकांड में फैसले की अंतिम घोषणा पर रोक रहेगी। साथ ही हाईकोर्ट ने पंचकूला के कोर्ट परिसर के सीसीटीवी फुटेज को सीलबंद लिफाफे में रखने का आदेश दिया था।
हाई कोर्ट रंजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, रणजीत सिंह की 2002 में हत्या कर दी गई थी। जिसका आरोप बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह पर लगा था। रणजीत सिंह के बेटे ने मामला सीबीआई पंचकुला से ट्रांसफर करने की अपील की है। रणजीत सिंह के बेटे ने आशंका है कि उसे विशेष न्यायाधीश, सीबीआई कोर्ट, पंचकूला से न्याय नहीं मिल सकता है।
याचिकाकर्ता के वकीलों ने तर्क दिया था कि अगर अदालत में लगे सीसीटीवी फुटेज को देखा जाए तो पब्लिक प्रसिक्यूटर के पी सिंह शनिवार को भी अदालत में उपस्थित हो रहे हैं, इस दिन अदालत की छुट्टी होती है, ऐसे में केपी सिंह का अदालत आना शक उत्पन्न करता है। लिहाजा ये केस किसी अन्य अदातल में ट्रांसफर कर दिया जाए।