ISI Chief in Afghanistan: पाकिस्तान आईएसआई का चीफ फैज हमीद एक डिलेगेशन के साथ काबुल पहुंच गया है। माना जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क और कंधार तालिबान के बीच हो रही अंदरुनी झगड़े को सुलझाने के लिए फैज वहां पहुंचा है। पिछले कई दिनों से अफगानिस्तान में तालिबान आतंकी सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक आपसी झगड़े के कारण वो ऐसा नहीं कर पाए हैं।
जानकारों के मुताबिक हक्कानी नेटवर्क पाकिस्तान के करीबी है। जबकि कंधार आधारित तालिबान, जिसमें तालिबान का धार्मिक गुरु हैबतुल्ला, मुल्ला गनी बरादर के साथ साथ मुल्ला ज़कीर शामिल हैं, वो सरकार में प्रमुख भूमिका चाहते हैं। लेकिन हक्कानी नेटवर्क जिसमें पाकिस्तानी फौज के ट्रेंड किए लड़ाके और अन्य लोग शामिल हैं। वो सरकार पर अपना कब्जा चाहते हैं। कहा जा रहा है कि हक्कानी नेटवर्क ने मुल्ला गनी बरादर को हाउस अरेस्ट कर लिया है। मामला बहुत ज्य़ादा बढ़ गया है। कल रात हुई गोलाबारी में जो तीन लोग मारे गए हैं, उन्हें भी कहा जा रहा है कि वो इसी झगड़े का असर था, जब वहां गोलाबारी हुई। वरिष्ठ पत्रकार और टेरेरिज्म पर जानकार ज्ञानेंद्र बरतरिया ने कहा कि आईएसआई चीफ काबुल में सुबह पहुंचा है और वो वहां हक्कानी की वकालत करने पहुंचा है। ताकि पाकिस्तान का प्रभाव अफगानिस्तान पर बना रहे और वो अपने हिसाब से तालिबान को चलाते रहें।
ख़ास बात ये है कि जब 1999 में एयरइंडिया का विमान हाईजैक हुआ था, तब उसे कंधार लेकर जाया गया था और वहां तालिबान के आतंकियों ने आईएसआई के कहने पर ही अपहरणकर्त्ताओं की मदद की थी। इस तरह की सरकार ही पाकिस्तान अभी भी तालिबान में चाहता है, ताकि वो भारत में आतंकियों की मदद अफगानिस्तान से कराता रहे। लेकिन कंधार के तालिबान सरकार में हावी रहे तो इसकी संभावना कम हो जाएगी। लिहाजा फैज हक्कानी ग्रुप को समर्थन के लिए वहां पहुंचा है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि पाकिस्तान की इंटेलिजेंस सर्विस का प्रमुख अफगानिस्तान में तालिबान के साथ आर्थिक गतिविधियों के मामले में वहां पहुंचा है।