NCPCR: नाबालिग बच्ची को शर्मिंदा करने वालों को बचाने में लगे ट्विटर के खिलाफ हाईकोर्ट गया आयोग

NCPCR: एक नाबालिग बच्ची को सोशल मीडिया पर रेप और कई अन्य धमकियां देने के मामले में ट्विटर देश की संवैधानिक संस्थाओं के ऑर्डर भी नहीं मान रहा है। हालत ये है कि जिस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। उसमें भी ट्विटर बच्ची को मिली धमकियों पर बच्ची का फोटो शेयर करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। लिहाजा अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) दिल्ली हाई कोर्ट में इसके खिलाफ जा रहा है।
दरअसल वामपंथी विचारधारा के मुताबिक ख़बरों का फेक्ट चेक करने वाले पोर्टल ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर ने एक बच्ची का फोटो ट्विटर पर शेयर किया था। जिसमें ट्विट के नीचे बच्ची को रेप तक की धमकी दी गई थी। इसपर संज्ञान लेकर NCPCR ने इसपर ना सिर्फ एफआईआर कराई बल्कि ट्विटर को भी इसे हटाने के लिए कहा था। लेकिन ट्विटर ने इसे हटाने से इनकार कर दिया है। इस मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। आयोग ने याचिका में कहा है कि जुबैर का ट्वीट विभिन्न कानूनों का उल्लंघन है, इसलिए इसे हटाने के लिए कोर्ट ट्विटर को आदेश दे।
NCPCR के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अगस्त 2020 में जुबैर पर एफआईआर दर्ज की थी। शिकायत में 6 अगस्त 2020 को जुबैर के एक ट्वीट का जिक्र था, जिसमें एक नाबालिग लड़की की तस्वीर थी। उस बच्ची का चेहरा तो ब्लर किया गया था। साथ में जुबैर का कमेंट था। उस कमेंट के नीचे कई लोगों ने बच्ची को बहुत बुरा भला लिखा था। साथ में बच्ची को रेप तक की धमकी दी थी।

इस मामले में पिछले साल हाई कोर्ट ने जुबैर के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। अब हाई कोर्ट में NCPCR ने इस मामले में एक हलफनामा दाखिल किया है। इसमें ऑल्टन्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के ट्वीट पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस और ट्विटर को पत्र लिखकर इस मामले में की गई कार्रवाई के बारे में पूछा था।
दिल्ली पुलिस ने NCPCR को बताया कि उसने 17 फरवरी को ट्विटर के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 के तहत पटियाला हाउस कोर्ट में बार-बार याद दिलाने के बावजूद माँगी उपलब्ध नहीं कराई है। लिहाजा इस मसले पर याचिका दायर की है। मामले में पुलिस ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी और इसके तत्कालीन प्रबंध निदेशक (इंडिया ऑपरेशन) मनीष माहेश्वरी के खिलाफ कार्रवाई की माँग की है।
ट्विटर ने इस साल अगस्त में बताया था कि ऑल्टन्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर के ट्वीट में बच्ची की तस्वीर पिक्सलेटेड या धुंधली है,इसके बाद ट्विटर ने फोटो की समीक्षा करने के बाद उसने इस ट्वीट को हटाने से इनकार कर दिया था।
NCPCR ने इस मामले में ट्विटर को विवादित पोस्ट को हटाने के लिए ऑर्डर किया था। NCPCR ने कहा कि, “ट्विटर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहा है और विवादित पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई नहीं करके देश के कानून का पालन नहीं कर रहा है।”

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