Pakistan: तालिबान से रिश्तों पर पाकिस्तान का सच आएगा सामने?

Pakistan: अमेरिकी सीनेट में एक ऐसा बिल पेश किया गया है, जिससे पाकिस्‍तान बेचैन है। दरअसल, सीनेट में यह बिल रिपब्लिकन पार्टी के 22 सीनेटर्स ने मिलकर पेश किया है। यह बिल अफगानिस्‍तान में अमेरिका के आतंकवाद विरोधी अभियान और उसकी जवाबदेही को लेकर है। इस विधेयक की आंच सीधे पाकिस्‍तान पर आने वाली है, क्‍योंकि अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान शासन में पाकिस्तान की सक्रियता काफी बढ़ गई है। इस बिल से पाकिस्‍तान काफी परेशान है। उसने इसको लेकर कड़ी आपत्ति भी दर्ज करा दी है।
इस विधेयक में बाइडन प्रशासन से अफगानिस्‍तान से अमेरिकी फौज को तेजी से निकालने के फैसले पर जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही अफगानिस्‍तान में पाकिस्‍तान की भूमिका की जांच की मांग भी की गई है। बिल की दूसरी मांग से पाकिस्‍तान काफी बेचैन है।
इस बिल में यह मांग की गई है कि अफगानिस्‍तान के तालिबान में नियंत्रण से पहले और बाद में पाकिस्‍तान की भूमिका की जांच की जानी चाहिए। इसके साथ पंजशीर घाटी में तालिबान के हमले को लेकर भी पाकिस्‍तान की जांच कराने की मांग की जा रही है।
प्रस्तावित विधेयक में मांग की गई है कि अफगानिस्‍तान में अमेरिका के 20 साल लंबे अभियान के दौरान तालिबान को किसने समर्थन दिया है। अगस्त के मध्य में काबुल पर नियंत्रण करने में किसने तालिबान की मदद की है और पंजशीर घाटी में हमला करने में तालिबान की मदद किसने किया।
विधेयक में कहा गया है कि इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की होनी चाहिए। इस प्रस्‍तावित विधयक में अमेरिकी विदेश मंत्री से मांग की जा रही है कि उनकी अध्यक्षता में में रक्षा मंत्री और नेशनल इंटेलिजेंस सब साथ मिलकर इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। इसके साथ यह भी मांग की गई है कि कि यह रिपोर्ट संबंधित समितियों के पास तक इस विधेयक के कानून बनने के कम से कम 180 दिनों में तैयार हो जानी चाहिए। अगर ये रिपोर्ट तैयार होती है तो इससे पाकिस्तान की काफी किरकिरी होगी। साथ तालिबान के साथ पाकिस्तान की मिलीभगत भी दुनिया के सामने आएगी। इसलिए इस बिल को लेकर पाकिस्तान काफी परेशान हैं।

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