BJP Foundation Day: बीजेपी की स्थापना के आज पूरे 42 साल (42 years of BJP) हो गए हैं। जनसंघ (Jansangh) को खत्म कर भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janta Party) बनाए जाने के बाद से बीजेपी के राज्यसभा और लोकसभा में 402 सदस्य हैं। वहीं पार्टी की 16 राज्यों में सरकारें हैं। चलिए आपको बताते हैं कि जनसंघ से बीजेपी बनने के सफर में क्या हुआ।
दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला मैदान में बनी पार्टी
बीजेपी से पहले इस पार्टी के ज्य़ादातर सदस्य जनसंघ में थे। जनसंघ में कोई भी राजनैतिक व्यक्ति संघ और जनसंघ दोनों में रह सकता था। लेकिन 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए बहुत सारे दलों ने मिलकर जनता पार्टी बनाई, जनसंघ भी इसी का हिस्सा था। बाद में सरकार गिरने के बाद जनसंघ से सभी नेताओं ने इस्तीफा दे दिया और 6 अप्रेल 1980 का भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया। जिसमें एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत रखा गया। यानि जो व्यक्ति बीजेपी में है, वो संघ में नहीं होगा। इस पार्टी के पहले संस्थापक सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी बने।
1984 में जीती सिर्फ 2 सीटें,
बीजेपी ने अपना पहला चुनाव 1984 में लड़ा था। जिसमें वो सिर्फ दो सीटों पर ही कामयाब हुई थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कांग्रेस के पक्ष में सहानुभूति की लहर में पार्टी को बड़ा झटका लगा था।
1989 में जीती 85 सीटें
दो लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन करने वाली बीजेपी ने पहली बार 1989 में 85 सीटें जीती। इससे पार्टी की ताकत काफी बढ़ गई। इसको आगे बढ़ाने के लिए जहां बीजेपी ने वीपी सिंह की सरकार को बाहर से समर्थन दिया, वहीं अगले ही साल 12 सितंबर 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में रथ यात्रा निकाली गई। जिसके बाद पार्टी का ग्राफ बहुत तेज़ी से बढ़ा।
1991 में पार्टी ने जीती 120 सीटें
रथ यात्रा के बाद तो बीजेपी का प्रभाव काफी राज्यों में दिखने लगा था। जिन राज्यों में बीजेपी का एक कार्यकर्ता देखने को नहीं मिलता था। वहीं इसके बाद बीजेपी को जनता का समर्थन मिलने लगा। पार्टी की कुल सीटें 85 से बढ़कर 120 तक चली गई।
1996 में अटल बिहारी बने प्रधानमंत्री
ये बीजेपी का दौर नज़र आने लगा था। कई राज्यों में बीजेपी की सरकारें बनने लगी थी। 1996 के आम चुनावों में पहली बार बीजेपी को चुनावों में 161 सीटें मिली थी। इसके बाद प्रधानमंत्री के तौर पर स्व. अटल बिहारी वाजपेयी को शपथ दिलाई गई। जोकि बीजेपी के पहले प्रधानमंत्री थे। लेकिन 13 दिनों में ही सरकार गिर गई।
1998 मध्यावधि चुनाव
इन चुनावों में बीजेपी ने एक बार फिर दमखम दिखाया और पार्टी ने 182 सीटें जीती। साथ ही अकाली दल, शिवसेना, बीजू जनता दल और AIADMK के साथ एनडीए बनाकर सरकार बनाई। ये सरकार भी मात्र 13 महीने चली और एक वोट से गिर गई।
1999 में पहली बार मज़बूत सरकार
एक वोट से एनडीए की सरकार गिरने के बाद एक बार फिर मध्यावधि चुनाव हुए और एनडीए ने इन चुनावों में 303 सीटें जीती, जिसमें बीजेपी की कुल सीटें 183 हो गई। बाजपेयी सरकार पूरे 5 साल चली। बीजेपी की ये पहली सरकार थी जोकि पूरे समय तक चली।
2014 में 282 सीटें
बीजेपी ने पहली बार 282 सीटों का आंकड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़े गए चुनावों में छुआ। कांग्रेस के अलावा देश में पहली बार कोई सरकार पूर्ण बहुमत से आई थी। बीजेपी ने मात्र 34 सालों में अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली।
2019 में छुआ 300 का आंकड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का ड्रीम रन एक चुनावों तक सीमित नहीं रहा। बल्कि पार्टी ने 2019 के आम चुनावों में 300 से ज्य़ादा सीटें जीती, जोकि अपने आप में एक इतिहास था।