LRO report on NGO: क्यों हो रही है NGO’s पर CBI की रेड?

LRO report on NGO: देशभर में एनजीओ और गृह मंत्रालय के अधिकारियों पर हुई CBI की कार्रवाई (Raid on NGO) के पीछे एक ऐसे गोपनीय जानकारी है, जोकि लीगल राइट ऑब्जर्वेटरी (LRO) ने गृह मंत्रालय को भेजी थी। इस गोपनीय जानकारी में उन कैथोलिक एनजीओ (Catholic FCRA NGO) का पूरा कच्चा चिट्ठा (NGO illegal work in India) था, जोकि गलत तरीकों से विदेशी एजेंसियों से लेकर विदेशी चर्च के संगठनों से पैसा ले रहे थे। ये एनजीओ लंबे अर्से से विदेशी चर्च के संगठनों से देश में धर्मांतरण के लिए हर साल सैकड़ों करोड़ रुपये चंदे (Foreign funding for Religious Conversion) के रूप में ला रहे थे।

ख़ास बात ये है कि स्वयं सेवी संगठनों के तौर पर रजिस्टर ये एनजीओ आदिवासी इलाकों में काम कर रहे थे। इन्हीं इलाकों में पिछले 70 सालों से सबसे ज्य़ादा आदिवासी ईसाई बने हैं। इस विदेशी पैसे से इन इलाकों में बड़े बड़े संस्थान खोले गए और फिर उनके जरिए से भोले भाले आदिवासियों को बहला फुसलाकर धर्मांतरित किया जा रहा है।

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एलआरओ ने एक गोपनीय रिपोर्ट इन एनजीओ इनके एफसीआरए और एजेंसी की रिपोर्ट्स गृह मंत्रालय को भेजी थी। लेकिन ये गोपनीय रिपोर्ट गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने इन्हीं एनजीओ को लीक कर दी थी। इस लीकेज के बाद इन एनजीओ ने अपने काम करने के तरीकों में बदलाव कर लिया था, ताकि उन्हें विदेशी धन आता रहे। यहीं वजह रही कि भारी संख्या में एफसीआरए लाइसेंस रद्द होने के बाद भी विदेशों से धडल्ले से फंड भारत आ रहा है।

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