चीन के साथ सीमा पर जो तनाव चल रहा है, उसको देखते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले की समीक्षा की है। इस मामले पर एनएसए अजीत दोवल भी लगातार नज़र बनाए हुए हैं और साथ ही साथ मामले को हैंडल भी कर रहे हैं। भारतीय सैनिकों ने चीन की घुसपैठ की साजिश को ना सिर्फ नाकामयाब किया है। बल्कि चीन के सैनिकों को पीछे हटने पर भी मज़बूर कर दिया है। इससे साफ है कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों पर मनोवैज्ञानिक जीत हासिल कर ली है। हालांकि चीन ने अपने सरकारी अख़बार में भारत को युद्ध की धमकी दी है।
29-30 अगस्त की रात को चीन एक बार फिर गलवान की तरह हरकत करना चाह रहा था। हालांकि गलवान में भी उसने मुह की खाई थी और लद्दाख में भी उसके सैनिकों के साथ ऐसा ही हुआ। रात के अंधेरे में चीन के करीब 500 सैनिक रस्सी और बाकी चढ़ाई वाले उपकरणों के साथ ऊंची पहाड़ी पर कब्जा करना सोच रहा था। इसलिए उसने इतनी बड़ी संख्या में सैनिक भेजे थे। लेकिन भारतीय सैनिकों ने बिना गोली चलाए अपने दमखम के जरिए चीनी सैनिकों को वहां से भगा दिया।
सेना सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने उन सभी महत्वपूर्ण इलाकों पर दोबारा काबिज हो गई है, जो इस इलाके में महत्वपूर्ण हैं। सेना सूत्रों के मुताबिक दक्षिणी पैंगांन्ग के विवादित इलाके पर पूरी तरीके से सेना का कब्जा है। कई चोटियों पर आर्मी काबिज हो चुकी है। हालांकि निचले इलाकों में अभी भी चीन के सैनिक मौजूद थे। दूसरी ओर चीन ने मानसरोवर झील के किनारे पर अपनी मिसाइलें तैनात कर रहा है।
इस दौरान बैठकों का दौर भी चल रहा है। दोनों देशों के बातचीत के चैनल भी खुले हुए हैं। खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा है कि भारत मित्रता चाहने वाला देश है।
2020-09-01