फिल्म नगरी को महाराष्ट्र के मुंबई से निकालकर नोएडा में लाने के लिए कोशिशों में लगी यूपी सरकार को अब धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्री से भी सकारात्मक संकेत मिलने लगे है। मशहूर अभिनेत्री कंगना रनौत के बाद अब फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है। मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस मुलाकात में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर अहम चर्चा भी हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद मधुर भंडारकर ने कहा कि हैदराबाद में जैसी फिल्म सिटी रामोजी राव में है वैसी ही फिल्म सिटी नोएडा में बनाने की कोशिश यूपी सरकार ने शुरू की है। इससे पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा में फिल्म सिटी बनाने का एलान किया था। उन्होने कहा था कि हम देश की सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी तैयार करेंगे। इसकी स्थापना के लिए नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे का क्षेत्र बेहतर होगा। ये फिल्म सिटी फिल्म निर्माताओं को बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगा। लोगों को रोजगार देने का काम भी करेगी।
योगी के एलान के बाद फिल्म अभिनेत्री कंगना रणौत ने देश की सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी बनाने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एलान का स्वागत किया है। कंगना ने ट्वीट किया, योगी आदित्यनाथ जी की ओर से किए इस एलान की मैं सराहना करती हूं। हमें फिल्म इंडस्ट्री में कई सुधारों की जरूरत है। सबसे पहले हमें एक बड़ी फिल्म इंडस्ट्री की जरूरत है, जिसे भारतीय फिल्म उद्योग कहा जाए। हॉलीवुड को भी इससे फायदा मिल सके।
दरअसल मुंबई में फिल्म उद्योग में हो रहे नित नए खुलासे के बाद फिल्म इंडस्ट्री को लेकर लोगों के मन में नकारात्मक विचार आ रहे हैं। इसको देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई से अलग यूपी में एक नई फिल्म सिटी बनाने का ऐलान किया था। नोएडा में एक फिल्म सिटी अभी भी है। जहां न्यूज चैनल्स के दफ्तर हैं और कंटेंट प्रोडक्शन का काफी काम यहां होता है। ऐसे में सरकार अगर बड़े फिल्म स्टूडियोज़ को नोएडा में स्थापित कराती है तो इससे फिल्म उद्योग को सस्ते में अच्छी फिल्में मिल पाएंगी और साथ ही रोज़गार के नए विकल्प भी उपलब्ध होंगे।
अभी देश में मुंबई के अलावा तमिल, मलयालम, कन्नड, भोजपुरी और तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री हैं। जोकि काफी अच्छा काम कर रही हैं। तेलुगू फिल्में तो हिन्दी भाषा में भी डब होकर रिलीज होती हैं। बाहुबली जैसी फिल्में तेलुगू में बनी हैं। जिन्होंने हिन्दी फिल्मों को भी पीछे छोड़ दिया है।
यूपी से सांसद और फिल्म अभीनेता रवि किशन ने इसपर कहा कि इससे स्थानीय स्तर पर लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और उत्तर भारत के कलाकारों को बेहतर माहौल के साथ उचित प्लेटफॉर्म मिल सकेगा। हिंदी हार्टलैंड में हिंदी फिल्में बन सकेंगी।