हाथरस गैंगरेप केस को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले को लेकर कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से तीन मुद्दों- गवाहों और परिवार की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से हलफनामा मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार के पास वकील है कि नहीं। इस मुद्दे पर भी कोर्ट ने हलफनामा मांगा है।
कोर्ट ने इस मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में नहीं जाने को लेकर भी पूछा है।
मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
सीजीआई बोले हाथरस मामला शॉकिंग
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबड़े ने हाथरस मामले को झकझोरने वाला बताया।
कोर्ट में क्या क्या हुईं बातें ?
सुनवाई के दौरान याचिककर्ता के वकील की ओर से कोर्ट की निगरानी में जांच की बात कही गई। इस पर सीजेआई ने पूछा कि आप इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गए।
समाज में फैलाया जा रहा भ्रम, सीबीआई लाएगी सच : यूपी सरकार
सुनवाई की शुरुआत यूपी सरकार की ओर से दलील रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने की। उन्होंने कहा कि हम इस याचिका का विरोध नहीं कर रहे, लेकिन समाज में जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है, हम उसके बारे में सच सामने लाना चाहते हैं। पुलिस और एसआईटी जांच चल रही है। इसके बावजूद हमने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसे मॉनीटर करे और सीबीआई जांच हो।
सीबीआई जांच से नहीं संतुष्ट: याचिकाकर्ता
इस पर याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि पीड़ित परिवार सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं है, वो कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच चाहते हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपकी मांग जांच को ट्रांसफर करने की है या फिर ट्रायल को ट्रांसफर करने की है?
सीजेआई एसए बोबड़े ने कहा कि क्यों नही मामले की सुनवाई पहले हाई कोर्ट करे, जो बहस यहां हो सकती है, वही हाई कोर्ट में भी हो सकती है. क्या ये बेहतर नहीं होगा कि हाई कोर्ट मामले की सुनवाई करे? सभी दलीलों को सुनने के बाद सीजेआई ने कहा कि हम पीड़ित पक्ष और गवाहों की सुरक्षा के यूपी सरकार के बयान को दर्ज कर रहे हैं या आप हलफनामा दाखिल करें?
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि कल तक हलफनामा दाखिल कर देंगे. सीजेआई ने कहा कि ठीक है, आप गवाहों की सुरक्षा को लेकर किए इंतजामों पर और पीड़ितों की सुरक्षा के बारे में हलफनामे में पूरी जानकारी दें.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो सुनिश्चित करेगा कि हाथरस मामले की जांच सही तरीके से चले।
—–