जब दुनिया जहान को कोरोना (Corona) का इलाज़ ढूंढने में सफल नहीं हो पाई तो ऐसे में भारतीय मूल की 14 साल की एक लड़की ने कोरोना का संभावित इलाज़ ढूंढ लिया है। अमेरिका में रह रही अनिका चेब्रोलु ने इस बीमारी के इलाज पर अपने शोध पत्र में इस बीमारी के इलाज के तरीके को बताया है। इससे प्रभावित होकर अनिका को अमेरिका (America) की एक कंपनी ने 25 हज़ार डॉलर का पुरस्कार भी दिया गया है।
दरअसल अनिका को कुछ समय पहले इंफ्लुएंजा हो गया था। इससे वो इतनी परेशान हो गई थी । उन्होंने खुद इस बीमारी का इलाज़ खोजना शुरू कर दिया था। लेकिन इस दौरान ही पूरी दुनिया में कोरोना आ गया। इसको देखते हुए अनिका ने अपना इरादा बदल कर कोरोना का इलाज़ ढूंढना शुरू कर दिया।
इस बीमारी का इलाज़ ढूंढते ढूंढते अनिका ने पाया कि ये वायरस प्रोटीन के कवर के कारण घातक हो जाता है। अगर ये कवर हटा दिया जाए तो इस वायरस को तुरंत ही खत्म किया जा सकता है। इसके बाद अनिका ने एक ऐसा मॉलिक्युल खोज़ निकाला जोकि प्रोटीन को वायरस पर से हटा सकता है। दरअसल इस खोज में in-silico प्रक्रिया का इस्तेमाल किया मॉलिक्यूल को खोज निकाला जो सार्स कोविड-2 वायरस (SARS-CoV-2 virus) के स्पाइक प्रोटीन के साथ जुड़ जाएगा और उसे हटा देगा। इस तरह से जब वायरस पर से प्रोटीन हट जाएगा तो वायरस को खत्म करना आसान होगा।