Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार ने ये कहकर हंगामा मचा दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनना है। उनके इस बयान को अरूणाचल प्रदेश में जेडीयू के छह विधायकों का बीजेपी में विलय होने के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। इस भाषण में भी नीतीश कुमार ने अरूणाचल प्रदेश में जेडीयू विधायकों के साथ जो हुआ उसका भी जिक्र किया गया। ख़ास बात ये है कि नीतीश ने ये बातें जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारणी के दौरान कही।
दरअसल रविवार को नीतीश कुमार ने जेडीयू के अध्यक्ष पर अपने ख़ास रहे आरसीपी सिंह को अध्यक्ष बनाने के बाद कहा कि मुझे अब सीएम नहीं रहना । एनडीए गठबंधन जिसे चाहे बना दें सीएम। बीजेपी का ही सीएम हो । मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी पद का मोह नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया। नीतीश ने कहा कि उन्हें पद का कोई लालच नहीं है, लेकिन वो काम करना चाहते हैं, शायद इसी दबाव के कारण काम गया हो। उन्होंने मुझे पद की कोई चाहत नहीं, इच्छा नहीं कि पद पर रहें।
अरूणाचल प्रदेश की घटना पर विरोध
अरुणाचल प्रदेश में जदयू के छह विधायकों के भाजपा में विलय करने के बाद जेडीयू में काफी परेशानी है। पार्टी ने आधिकारिक रूप से इसका विरोध भी दर्ज करा दिया है। जेडीयू के महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि कहा कि इस बारे गृह मंत्री अमित शाह के साथ साथ बीजेपी के अध्यक्ष जे पी नड्डा से बात की गई है। उन्होंने कहा कि अरूणाचल प्रदेश की राजनीति में जो हुआ, वो गठबंधन धर्म के अनुकुल नहीं हैं। इधर नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय कार्यकारणी में कहा कि छह विधायकों के जाने के बाद भी वहां जदयू का एक विधायक अभी भी पार्टी के साथ खड़ा है। इससे पार्टी की ताकत को समझा जा सकता है। हमें सिद्धांतों के आधार पर ही लोगों के बीच जाना है।