#Farmers: गणतंत्र दिवस के दिन हुए उपद्रव के बाद अब पुलिस ने किसानों को धरना स्थल को खाली कराने का मन बना लिया है। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने भी सिंधु बॉर्डर को खाली कराने के लिए किसानों को 24 घंटे की मोहलत दी है। जहां सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स के साथ भारी पुलिसबल पहुंच गया है। दूसरी ओर कुछ किसानों ने चुपचाप से धरना स्थल को खाली भी करना शुरू कर दिया है।
गुरूवार सुबह से ही गाज़ीपुर और सिंधु बॉर्डर पर पुलिस बल की मौजूदगी बढ़ने लगी थी। दोपहर तक वहां रैपिड एक्शन फोर्स ने फ्लैग मार्च कर लिया गया। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने भी किसान संगठनों और किसानों को अगले 24 घंटों में धरना स्थल खाली करने के लिए अल्टीमेटम दे दिया। लोगों के हाथ में बैनर थे, साथ ही लोग नारे भी लगा रहे थे। सिंधु बॉर्डर पर आसपास के 40 गांवों के लोगों ने पिछले दो महीनों से धरना दे रहे लोगों को सड़क खाली करने के लिए कहा है। धरने में मौजूद एक विनय शर्मा ने बताया कि पिछले करीब दो महीनों से हम लोगों को इस सड़क के बंद होने से बहुत ज्य़ादा परेशानी हो रही है। आने जाने में परेशानी तो हम सह रहे थे, लेकिन अब तिरंगे का अपमान हम सह नहीं सकते। लिहाजा इस धरने को हम यहां नही रहने देना चाहते। लिहाजा हम यहां किसानों से अपील करने आए हैं कि यहां से हट जाएं। हालांकि गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के बाद बड़ी संख्या में किसान खुद ही अपना टैंट उखाड़ने में लग गए हैं। जहां दो संगठनों ने तो पहले ही आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर दी, वहीं दूसरी ओर किसान नेता भी गायब हो गए हैं। लिहाज धरने पर बैठे किसान अब परेशान होते दिख रहे हैं।
किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस कमीश्नर एस एन श्रीवास्तव ने कहा कि हमने 37 किसान नेताओं को हिंसा और उपद्रव के बारे में तीन दिनों में अपना रिप्लाई देने के लिए कहा है। साथ ही इन लोगो के खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है। अब ये नेता विदेश नही जा पाएंगे। पुलिस ने इस नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। इसमें इन लोगों को हिंसा और उपद्रव फैलाने के साथ साथ हत्या की कोशिश का मुकदमा भी दर्ज किया है।