#KisanAndolan: गांव गांव घूमकर भीड़ जुटाने की कोशिश, फिर भी खाली हुए धरनास्थल

#FarmersProtest: कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन अब फीका पड़ता जा रहा है। हालात ये है कि सारे किसान नेता गांव गांव घुमकर किसानों को धरना स्थल पर लेकर जाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। लेकिन किसानों ने अब आंदोलन से दूरी बनाना शुरू कर दिया है। हालात ये है कि यूपी गेट पर तो बमुश्किल 200 से 250 किसान ही बैठे हुए हैं। टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या सिमट गई है।

किसान नेता गांवों में जाकर 10 लोगों और एक ट्रैक्टर की मांग कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी घरों से निकलकर यहां धूप में बैठने के लिए आम  किसान तैयार नहीं है। धरना स्थल पर आसपास के लोगों को लाने के लिए आइसक्रीम और अन्य खाने के सामान भी अब भीड़ जुटाने में कामयाब नहीं हो पा रही है। जो लोग आते भी हैं, वो खा पीकर चले जाते हैं। इससे किसान नेता परेशान हैं। इसी वजह से पिछले 15 दिनों से धरना स्थल की फोटो भी किसान नेता ट्विट नहीं कर पा रहे। 

यूपी गेट 28 नवंबर को किसानों का धरना-प्रदर्शन शुरू हुआ था तो यहां पर युवा हजारों की संख्या में धरनास्थल पर मौजूद थे। आलम यह था कि युवा मंच भी संभालते थे और धरनास्थल की सभी व्यवस्था युवाओं के हाथ ही थीं। लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के बाद युवा प्रदर्शनकारी धरनास्थल को छोड़कर चले गए। जो कुछ बचे हुए हैं, वो भी धरना स्थल की बजाए दिल्ली में घूमने फिरने में टाइम लगाते हैं। कुछ वापस भी लौट रहे हैं। धरनास्थल का मंच खाली दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में प्रदर्शनकारी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं।

कृषि कानून विरोधियों की ओर से सिंघु बॉर्डर पर धरना दिया जा रहा है। महिलाएं अब धरना स्थल पर दिखाई नहीं दे रही हैं। बुधवार को धरना स्थल पर दस महिलाएं भी मौजूद नहीं थीं। गर्मी के कारण धरना स्थल पर पंखे तो लगाए हैं। लेकिन इसके बाद भी प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार कम हो रही है। प्रदर्शनकारी धरना स्थल पर कम और ट्रालियों में ज्यादा बैठे दिखे। दरअसल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब सिंघु बॉर्डर पर फिर से रौनक खत्म होती जा रही है। आठ मार्च को यहां पर भारी संख्या में महिलाएं पहुंचीं थीं, लेकिन अब वह वापस अपने घरों को लौट गई हैं। धरना स्थल पर उनकी संख्या न के बराबर हो गई है। प्रदर्शनकारियों की ओर से धरना स्थल पर भीड़ बढ़ाने के लिए पूरी कोशिश की जा रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *