#MaharastraGovernment: महाराष्ट्र सरकार एक बड़ी परेशानी में फंस गई है, जहां एक ओर भ्रष्ट्राचार में अघाड़ी सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं उसके पुलिस अधिकारियों के बीच बड़ा झगड़ा शुरू हो गया है। NIA की जांच में ये भी साबित हो गया है कि सचिन वझे ने कई मामलों में पैसों की वसूली की थी, इसमें टीआरपी स्कैम भी शामिल है। इस सब मामलों के सामने आने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी टीम की भारी किरकिरी हो रही है।
सचिन वझे के कबुलनामे और पूर्व पुलिस कमीश्नर परमबीर सिंह को काबू करने के लिए जिस अंदरूनी जांच की तैयारी राज्य सरकार ने की थी। उसका जांच अधिकारी परमबीर सिंह के डिपार्टमेंट में कट्टर विरोधी सीनियर IPS संजय पांडे को दी गई है। जोकि खुलेआम परमबीर सिंह के खिलाफ बोलते रहे हैं। अभी तक राज्य के पुलिस अधिकारियों में में परमबीर सिंह की तूती बोल रही थी तो आईपीएस संजय पांडे परेशानी में थे। लेकिन जैसे ही परमबीर सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया तो उसको काबू करने के लिए राज्य सरकार ने संजय पांडे को आगे कर दिया है। सरकार ने संजय पांडे को पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। शुक्रवार देर रात इसका अधिकारिक घोषणा की गई। अभी तक ठाकरे सरकार ने संजय पांडे पर इतने आरोप लगाए थे, वही ठाकरे सरकार ने अचानक उन्हें डीजी का अतिरिक्त चार्ज दे दिया। ताकि सरकार परमबीर सिंह और संजय पांडे को आपस में लड़ा सके।
संजय पांडे को पिछले महीने महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स में भेजा गया था। तब वे ठाकरे सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे। मामला बोर्ड के पास चला गया, लेकिन कहा जा रहा है कि इसी बीच सरकार और पांडे में डील हुई। इसके बाद ही संजय पांडे ने केस का फॉलोअप करना छोड़ दिया। संजय पांडे प्रदेश में सबसे सीनियर IPS अधिकारी हैं। वह 1986 बैच के IPS हैं। मार्च में जब उनका ट्रांसफर हुआ तो वे 20 दिन की छुट्टी पर चले गए थे। उन्होंने महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स ज्वॉइन नहीं की। साथ ही ठाकरे सरकार को एक लंबी चिट्ठी लिखी।
संजय पांडे ने चिट्ठी में लिखा था कि परमबीर सिंह ने ADG देवेन भारती की जांच में गवाहों को धमकाया था। अतिरिक्त सचिव ने इस मामले में जांच रुकवा दी थी। पांडे ने लिखा था कि अनिल देशमुख ने गृहमंत्री रहते हुए भारती की जांच का आदेश दिया था। जब जांच रिपोर्ट सौंपी गई तो इसकी तारीफ शरद पवार से लेकर सभी ने की। इसके बावजूद परमबीर और अतिरिक्त सचिव ने जांच रुकवा दी। जो जांच फिलहाल संजय पांडे कर रहे हैं, उसमें अगर कुछ पाया जाता है तो परमबीर सिंह को सस्पेंड किया जा सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि जांच में कुछ न कुछ परमबीर सिंह के खिलाफ जरूर मिलेगा।
सचिन वझे ने की टीआरपी स्कैम में वसूली
एंटीलिया केस और मनसुख मर्डर केस के बाद अब मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वझे का नाम फेक TRP स्कैम में भी आया है। वझे ने ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) से 30 लाख रूपये वसूली की थी। ED को वझे का इस मामले में कनेक्शन मिला है। ED की जांच में पता चला कि वझे ने एक पुलिस अफसर के जरिए ब्रॉडकास्टिंग ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के अधिकारियों को परेशान न करने के लिए काउंसिल से 30 लाख की वसूली की थी। इसके मनी ट्रेल का पता चल गया है।