#DBTforFarmers: आढ़तियों के दबाव में पंजाब में नहीं मिल पा रहा है किसानों को सीधा पैसा

पूरे देश में किसानों की खरीद का पैसा सीधे उनके अकाउंट में देने का फैसला होने के बावजूद पंजाब सरकार ये पैसा अभी भी आढ़तियों के जरिए से ही किसानों के खातों में भेज रही है। जिसकी वजह से किसानों को ना तो उनकी फसल का पूरा पैसा मिल पा रहा है और ना ही उनको समय पर उनकी फसल का दाम मिल रहा है। हालांकि केंद्र सरकार के फसल खरीद में भी डीबीटी लागू करने के बाद एफसीआई के अधिकारी इसको पंजाब में भी लागू करवाने की कोशिश कर रहे हैं।

केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि पूरे देश में अब किसानों के खातों में सीधा पैसा जाएगा। किसान आंदोलन के बीच इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर बताया कि “पंजाब में किसानों को उपज का दाम सीधा उनके बैंक एकाउंट में मिलने के साथ ही पूरे देश में यह व्यवस्था लागू हो गयी है। अब देश भर के किसान उपज को एमएसपी (MSP) पर बेचने के बाद पैसा सीधा अपने खातों में पायेंगे। आजादी के बाद से किसान हित में लाया गया यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन है। किसानों के हित के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उठाए गए कदम से छोटे और सीमांत किसान लाभान्वित होगा”।

दरअसल किसान आंदोलन में मुख्य तौर पर आढ़तियों का आंदोलन माना जा रहा था। जिसमें किसान तो थे, लेकिन उनको सपोर्ट आढ़ती दे रहे थे। जिसमें लॉजिस्टिक और फंड सपोर्ट मुख्य थी। हालांकि किसानों को सीधा फायदा देने से आढ़तियों और किसानों के बीच दरार पड़ सकती है। इसलिए भी ये फैसला लिया गया है।  इस फैसले के बारे में पीयूष गोयल ने कहा कि पंजाब में अब किसानों को एमएसपी (MSP) पर बेची गयी उनकी उपज का दाम सीधा उनके बैंक खातों में दिया जाएगा। इसका लाभ उन किसानों को भी मिलेगा, जो किराये की जमीन पर खेती करते हैं। सिस्‍टम में पारदर्शिता आने से वे किसी बहकावे में नहीं आएंगे और इन किसानों को भी उपज का पूरा दाम मिलेगा। पंजाब में किसानों को उपज का दाम सीधे उनके बैंक एकाउंट में मिलने के साथ यह व्‍यवस्‍था पूरे देश में लागू हो गई है।   

इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सरकारी खरीद में किसानों को सीधे बैंक खाते में भुगतान (डीबीटी) का नियम बना दिया था, जिसे पंजाब को छोड़ कर सभी राज्यों में लागू कर दिया गया है। खाद्य मंत्रालय, भारतीय खाद्य निगम के आला अफसरों ने लगातार पंजाब सरकार के संपर्क में रहकर इसकी कठिनाइयों को दूर करने की कोशिश की है ताकि आढ़तियों के मार्फत होने वाले भुगतान को रोका जा सके। लेकिन अभी तक बात नहीं बन सकी है।

 

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