#HelpingHandsInCorona: संक्रमण के दौर में भी एक दूसरे की मदद में जुटे लोग

#CoronaUpdates: कोरोना काल में जब सरकार डॉक्टर्स और प्रशासन लोगों को घरों में रहने के लिए बोल रहा है। साथ ही में परिवार का भी लोगों को बाहर ना जाने का दबाव है। ऐसे में भी लोग एक दूसरे की मदद के लिए जी जान से जुटे हुए हैं। देश में कई शहरों जो लोग कोरोना संक्रमित है और उनके घरों में उन्हें खाना देने वाला कोई नहीं है। ऐसे लोगों को घर में जाकर लोग खाने के साथ साथ दवाई भी भेज रहे हैं। ऑक्सीजन की मारामारी के बीच कुछ लोगों ने जरूरमंदों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का बंदोबस्त भी किया है। लोग समूह बनाकर अब मास्क और घर से बाहर निकलने वालों को सचेत भी करने लगे हैं।

दिल्ली में ऑक्सीजन की मारामारी के बीच मायापुरी इंडस्ट्रियल एरिया में लोगों के ऑक्सीजन सिलेंडर भरने के लिए लोगों को सेवा देने का काम अभिषेक गुप्ता नाम के एक इंडस्ट्रलिस्ट ने शुरू किया। इससे काफी लोगों की मदद हुई। दूसरी ओर दिल्ली में लोगों को अस्पातलों में बेड ढूंढकर देने वाले सेवा भारती के डॉ राजकुमार के मुताबिक वो और उनके सहयोगी मिलकर रोज़ाना 40 से 50 लोगों को बेड दिलाने के काम में लगे हुए हैं।

इसी तरह एम्स दिल्ली में डॉक्टर सलोनी चोपड़ा अपनी 2 साल की बच्ची को घर छोड़कर पिछले 20 दिनों से लगातार अस्पताल में लोगों के इलाज में लगी हुई थी। लगातार काम करने और कोरोना मरीजों के बीच रहने की वजह से उनको भी बुखार आ गया। जब टेस्ट कराया तो वो भी कोरोना पॉजिटिव हो चुकी थी। इस मुसीबत की घड़ी में डॉ सलोनी अपनी परवाह किए बिना लगातार ड्यूटी पर रही। कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्होंने एक बड़ा ही इमोशनल मैसेज भी सोशल मीडिया पर शेयर किया। उन्होंने लिखा कि, “पिछले 20 दिनों से 2 साल की बच्ची को घर छोङकर AIIMS Delhi में एक डॉक्टर होने के नाते Covid संक्रमित लोगों के उपचार में लगी थी और अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रही हूँ। मेरी रिपोर्ट पॉ जिटीव आयी है मुझे आप सब की दुआओं की जरूरत है।भगवान न करें मुझे कुछ हुआ तो बच्ची की देखभाल करना मां!”

 

इसी तरह दिल्ली के गुरुद्वारे बांग्ला साहिब में भी जरूरमंदों के लिए लंगर सेवा लगातार चल रही है। इस सेवा को देखते हुए गुरुद्वारे में भी सेवा के लिए लोग लगातार दान कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को ही किसी व्यक्ति ने लंगर सेवा के लिए 1000 किलो आटा भिजवाया है। ताकि जिन लोगों के काम बंद हो गए हैं। उनको खाना मिल सके।

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