पिछले दो दिनों से लगातार बारिश से मुंबई एक बार फिर डूब गई है। मायानगरी में हर साल बारिशों में यही हालात होते हैं। पिछले दो दिनों की मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। आज फिर मुंबई, ठाणे और पालघर में रेड अलर्ट है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की है और सभी तरह की मदद का वादा किया है।
मुंबई में हालात इतने खराब हैं कि लोगों को निसर्ग तुफान की याद आ गई है। कई मामलों में तो इस बारिश ने उस तूफान को भी पीछे छोड़ दिया है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अकेले कोलाबा में 12 घंटों में 293.8 मिमी बारिश हुई है। इससे पहले कोलाबा में अगस्त महीने में 1974 में रिकॉर्ड 262 मिमी बारिश हुई थी।
मुख्यमंत्री ठाकरे भी हालात पर नज़र रखे हुए हैं और लगातार बीएमसी और एनडीआरएफ के अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा कर रहे हैं। जिन इलाकों में ज्य़ादा पानी भर गया है वहां से एनडीआरएफ की टीम फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है।
फोर्ट, चर्चगेट, मरीन ड्राइव, गिरगांव, ब्रीच कैंडी, पेडर रोड, हाजी अली जैसे इलाकों में जल-जमाव हो गया है। चर्नी रोड में विल्सन कॉलेज के सामने, गिरगांव, बाबुलनाथ एरिया, बालकेश्वर एरिया में सड़कों पर पानी भरा रहा। इनमें से कई इलाकों में बिजली चली गई। जेजे अस्पताल के कैजुअल्टी वार्ड में पानी घुस गया है।
भारी बारिश के बीच हवाओं की रफ्तार इतनी तेज थी कि जवाहर लाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) में भारी-भरकम क्रेन तक पलट गई। इसी तरह शेयर मार्केट की बिल्डिंग पर लगा बोर्ड टूट गया। डी वाई पाटिल स्टेडियम को भी नुकसान पहुंचा है। इसकी कई रैलिंग उड़ गईं। दक्षिण मुंबई में वानखेड़े स्टेडियम की हाईमास्ट लाइट के खंभे तेज हवा के साथ हिलते दिखे।

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