प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के खातों में 17000 करोड़ रुपये सीधे डाल दिए हैं। किसानों को खेती के लिए योजना के तहत ये छटी किस्त है जोकि उनके खातों में डाली गई है। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की तारीफ करते हुए कहा कि जब देश में लॉकडाउन था तो किसान देशवासियों के लिए अन्न के भंडार भर रहा था।
किसानों के साथ अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने यूरिया के बहुत ज्यादा प्रयोग पर चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि यूरिया के अधिक इस्तेमाल से धरती को नुकसान हो रहा है और किसानों को इसके बारे में सोचना चाहिए।
पीएम ने कहा, ‘आज हलषष्टी है, भगवान बलराम की जयंति है। सभी देशवासियों को, विशेषतौर पर किसान साथियों को हलछठ की, दाऊ जन्मोत्सव की, बहुत-बहुत शुभकामनाएं !! इस बेहद पावन अवसर पर देश में कृषि से जुड़ी सुविधाएं तैयार करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का विशेष फंड लॉन्च किया गया है।’
पीएम ने कहा, ‘इससे गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोज़गार के अनेक अवसर तैयार होंगे। इसके साथ-साथ साढ़े 8 करोड़ किसान परिवारों के खाते में, पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में 17 हज़ार करोड़ रुपए ट्रांसफर करते हुए भी मुझे बहुत संतोष हो रहा है। संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वो हासिल हो रहा है।’
पीएम ने कहा, ‘बीते डेढ़ साल में योजना के माध्यम से 75 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं। इसमें से 22 हज़ार करोड़ रुपए तो कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान किसानों तक पहुंचाए गए हैं।’
पीएम ने कहा, ‘अब आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत किसान और खेती से जुड़े इन सारे सवालों के समाधान ढूंढे जा रहे हैं। एक देश, एक मंडी के जिस मिशन को लेकर बीते 7 साल से काम चल रहा था, वो अब पूरा हो रहा है। पहले e-NAM के ज़रिए, एक टेक्नॉलॉजी आधारित एक बड़ी व्यवस्था बनाई गई। अब कानून बनाकर किसान को मंडी के दायरे से और मंडी टैक्स के दायरे से मुक्त कर दिया गया। अब किसान के पास अनेक विकल्प हैं।’
पीएम ने कहा, ‘अगर वो अपने खेत में ही अपनी उपज का सौदा करना चाहे, तो वो कर सकता है या फिर सीधे वेयरहाउस से, e-NAM से जुड़े व्यापारियों और संस्थानों को, जो भी उसको ज्यादा दाम देता है, उसके साथ फसल का सौदा किसान कर सकता है।’
पीएम ने कहा, ‘आज जो एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लॉन्च किया गया है, इससे किसान अपने स्तर भी गांवों में भंडारण की आधुनिक सुविधाएं बना पाएंगे। इस योजना से गांव में किसानों के समूहों को, किसान समितियों को, FPOs को वेयरहाउस बनाने के लिए, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी।’
पीएम ने कहा, ‘इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत हर जिले में मशहूर उत्पादों को देश और दुनिया के मार्केट तक पहुंचाने के लिए एक बड़ी योजना बनाई गई है। अब हम उस स्थिति की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां गांव के कृषि उद्योगों से फूड आधारित उत्पाद शहर जाएंगे और शहरों से दूसरा औद्योगिक सामान बनकर गांव पहुंचेगा। यही तो आत्मनिर्भर भारत अभियान का संकल्प है, जिसके लिए हमें काम करना है।’
पीएम ने कहा, ‘इसमें भी ज्यादा हिस्सेदारी हमारे छोटे किसानों के बड़े समूह, जिनको हम FPO कह रहे हैं, या फिर किसान उत्पादक संघ कह रहे हैं, इनकी होने वाली है। इसलिए बीते 7 साल से FPO-किसान उत्पादक समूह का एक बड़ा नेटवर्क बनाने का अभियान चलाया है। अभी तक लगभग साढ़े 300 कृषि स्टार्टअप्स को मदद दी जा रही है। ये स्टार्टअप, फूड प्रोसेसिंग से जुड़े हैं, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, खेती से जुड़े स्मार्ट उपकरण के निर्माण और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े हैं।’
2020-08-10