कोरोना वैक्सीन के आने में अब ज्य़ादा वक्त नहीं रहा है। केंद्र सरकार ने वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल्स कर रही कंपनियों को वैक्सीन को स्टॉक करने के लिए कहा है। हालांकि इसका ये मतलब कतई नहीं है कि वैक्सीन आम लोगों को अभी उपलब्ध हो जाएगी। वैक्सीन तो तीसरे ट्रॉयल के बाद ही बाज़ार में आएगी। तब तक इंतज़ार करना ही होगा। लेकिन सरकार ने वैक्सीन आने के बाद सभी लोगों को आसानी से उपलब्ध हो। इसके पूरे इंतज़ाम कर लिए हैं।
इसकी जानकारी खुद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दी है। उन्होंने कहा कि दिसंबर तक भारत की पहली वैक्सीन आ जाएगी। इससे भारत में बड़ी उम्मीदें जगी हैं।
जानकारों के मुताबिक फिलहाल देश में तीन वैक्सीन अपने अंतिम दौर के ट्रायल्स पर काम कर रही हैं। हालांकि कितनी भी जल्दी ये ट्रायल्स हो जाए। फिर भी दिसंबर जनवरी से पहले वैक्सीन आम लोगों को उपलब्ध नहीं हो पाएंगी। पहली वैक्सीन का नाम स्वदेशी रूप से कोवाक्सिन(Covaxin) है, जिसे भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) मिलकर तैयार कर रहे हैं। दूसरी वैक्सीन का नाम- जाइकोव-डी (Zykov-D) है, जिसे जायडस कैडिला (Zydus Cadila) ने विकसित किया है। इसके अलावा देश में एक तीसरी वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जिसका नाम कोविशील्ड(Covishield) है। इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India), पुणे और एस्ट्राजेनेका एक साथ मिलकर तैयार कर रहे हैं। इसका ट्रायल फिलहाल पुणे में चल रहा है। इन तीन कोरोना वैक्सीनों का ट्रायल अलग-अलग चरणों में है। देश में फिलहाल एक वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में है। इस बीच सरकार ने तीनों कंपनियों को वैक्सीन के स्टॉक तैयार करने के लिए कहा है। इसपर सीरम इंसटीट्यूट ने सफाई दी है कि फिलहाल आम लोगों के वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो रही है। बस वैक्सीन को लेकर सरकार ने स्टॉक तैयार हो रहा है। लेकिन मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ये आम लोगों को उपलब्ध होगी।
2020-08-23