भारतीय ट्रेनों की लेटलतीफी कोई नई बात नहीं है। लेकिन ट्रेन कितनी लेट होगी, इसका पता लगना भी बहुत ही मुश्किल होता था। लेकिन अब ट्रेनों की सही लोकेशन को आम जन तक पहुंचाने की गंभीर कोशिश रेलवे कर रहा है। इसके लिए अब रेलवे सभी ट्रेनों के इंज़न को जीपीएस से लोड करने जा रहा है। यानि ट्रेन की गति से लेकर उसकी करंट लोकेशन की सही जानकारी हर पल मिल सकेगी। दरअसल, ट्रेनों में नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे ट्रेनों की रियल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) मिल सकेगी।
दरअसल अभी तक ट्रेनों की लोकेशन की जानकारी रेलवे स्टेशन के आधार पर करता था उसने कौन सा स्टेशन कितने बजे छोड़ा। लेकिन दो स्टेशनों के बीच में उसकी गति क्या है, किसी वजह से रूकी तो नहीं है आदि आदि का पता नहीं चल पाता था। इस परेशानी को दूर करने के लिए अब रेलवे सभी ट्रेनों के इंज़नों को जीपीएस से जोड़ रहा है। इसके लिए इंजनों में एक डिवाइस लगाई जा रही है जो जीपीएस के आधार पर ट्रेनों की गति पढ़कर अपडेट जारी करती है। इंजनों में लगे जीपीएस को इसरो अपने सैटेलाइट के जरिये हर पल ट्रेनों को देखता और उनकी गति को पढ़ता रहेगा। इसके लिए भारतीय रेलवे के सभी इंजन जीपीएस से ऑनलाइन किए जाएंगे।
अभी तक 2700 इलेक्ट्रिक इंजन में ये सिस्टम काम करने लगा है। 3800 डीजल इंजन में ये काम चल रहा है। दिसंबर 2021 तक देश की सभी ट्रेनें इसरो के संपर्क में आ जाएंगी। उम्मीद है इसके बाद ट्रेनों की सही जानकारी आम लोगों को मिल पाएगी।
2020-08-23