राम मंदिर के निर्माण में नींव में डालने के लिए गिट्टी बेतवा नदी के मोरंग इलाके से लाई जाएगी। देश में सबसे मज़बूत गिट्टी इसी नदी की मानी जाती है। लिहाजा जैसे ही तकनीकी काम पूरा हो जाएगा और नींव खुदाई का काम पूरा हो जाएगा। वैसे ही नदी से गिट्टी लाने का काम शुरू हो जाएगा। मंदिर की नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है।
मंदिर की नींव निर्माण और अयोध्या विकास की योजनाओं की समीक्षा के लिए मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र अयोध्या पहुंच रहे हैं। साथ ही मंदिर कम से कम एक हज़ार साल तक मज़बूत रहे इसके लिए भी विशेषज्ञ आ रहे हैं।
श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंदिर की मजबूती नींव पर ही निर्भर करती है। इसलिए हमारी कोशिश यही है कि मंदिर की नींव की मजबूती को लेकर किसी तरह से कोई समझौता ना हो। इसलिए इस काम में आईआईटी चेन्नई और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रूड़की के इंजिनियरिग टीमें टेस्टिंग में लगी हैं। मंदिर की मजबूती एक हजार साल तक बनी रहे, इसी पर सारी तैयारी हो रही है।
हर तरह से तकनीकी और वैज्ञानिक परीक्षण किए जा रहे हैं। इसके पिलर उसी हाई तकनीक से खड़े किए जाएंगे। जैसे नदियों के पुलों को खड़ा किया जाता है। केवल अंतर इतना रहेगा कि इसमें लोहे का प्रयोग न करके मजबूत कंक्रीट मसाले का प्रयोग किया जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखकर आइआईटी की टीम मिट्टी की जांच के साथ नींव में प्रयोग होने वाले मैटेरियल की भी टेस्टिंग कर रही है। मंदिर स्थल के साइल की जांच रिपोर्ट आ चुकी है। अब रूड़की से भूकंप रोधी जांच रिपोर्ट का इंतजार है। इसके साथ ही इसके पिलर को तैयार करने में विशिष्ट तरह की मजबूत गिट्टी, बेतवा नदी के मोरंग और बेहद मजबूत सीमेंट के सैंपल टेस्ट के लिए आईआईटी चेन्नई भेजे जा रहे हैं।
2020-09-08