कंगना के लगातार हमलों से परेशान शिवसेना ने एक बार फिर कंगना के खिलाफ असभ्य भाषा का प्रयोग किया है। अपने मुखपत्र सामना में कंगना को नटी कहा है। आम बोलचाल में नट शब्द को बुरा माना जाता है। कंगना को शिवसेना लगातार अपशब्द बोल रही है। पहले भी शिवसेना के नेता संजय राऊत ने कंगना को हरामखोर भी बोला था। शिवसेना कंगना को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। सामना ने सवाल उठाया है कि कंगना के पीछे कौन खड़ा है।
जनता में कंगना की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सामना ने मुंबई के बाकी कलाकारों को कंगना के खिलाफ बयान देने के लिए कहा है। सामना ने लिखा है कि ‘महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई को ग्रहण लगाने का प्रयास एक बार फिर शुरू हो गया है। ये ग्रहण ‘बाहरी’ लोग लगा रहे हैं। लेकिन इन्हें मजबूत बनाने के लिए परंपरा के अनुसार हमारे ही घर के भेदी आगे आए हैं। मुंबई का अपमान करने वाली एक नटी (अभिनेत्री) के अवैध निर्माण पर महानगरपालिका द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद मनपा का उल्लेख ‘बाबर’ के रूप में किया गया। मुंबई को पहले पाकिस्तान बाद में बाबर कहने वालों के पीछे महाराष्ट्र कि भारतीय जनता पार्टी खड़ी होती है, इसे दुर्भाग्य ही कहना होगा।’
सामना ने लिखा, ‘कोई भी उठे और मुंबई-महाराष्ट्र पर कीचड़ उछाले, अब तो इस पर रोक लगनी चाहिए। दिल्ली अथवा महाराष्ट्र में सरकार किसी की भी हो, कोई अज्ञात शक्ति हमारी मुंबई के विरोध में योजनाबद्ध ढंग से साजिश करती रहती है लेकिन संयुक्त महाराष्ट्र के लिए जेल के दरवाजे पर कतार लगाने वाले ‘वीर’ आज कुंठित हो गए हैं क्या? भारतीय जनता पार्टी अपनी राष्ट्रीय नीतियों के अनुसार भूमिका अपना रही है। ऐसी ही राष्ट्रीय भूमिका पहले कांग्रेस अपनाती थी इसे भूलना नहीं चाहिए। आज फिर भूमिपुत्रों की तथा मराठी स्वाभिमान का योजनाबद्ध ढंग से दमन करने का प्रयास हो रहा है।’
2020-09-13