जिलाधिकारी से वार्ता के बाद भी संतुष्ट नहीं हुए तीर्थ पुरोहित

harendra negi

केदारनाथ धाम में धरने पर बैठे तीर्थपुरोहितों को मनाने के लिए जिला प्रशासन ने तीर्थ पुरोहितों से वार्ता की। जिला सभागार में हुई वार्ता में तीर्थ पुरोहितों के शिष्टमण्डल के साथ ही केदारनाथ विधायक मनोज रावत भी मौजूद रहे। वार्ता में डीएम ने तीर्थ पुरोहितों को मास्टर प्लान के तहत होने वाले कार्यो के संबंध में बताया।
जिला कार्यालय सभागार में जिलाधिकारी ने तीर्थ पुरोहितों की समस्याओं को सुना व उनकी भ्रांतियों को दूर किया। जिलाधिकारी ने वार्ता के दौरान तीर्थ पुरोहितों को आश्वस्त किया कि सरकार द्वारा तीर्थ पुरोहितों के लगभग 128 भवनों का निर्माण किया जाना था, जिसमें से वर्तमान में 41 भवनों का निर्माण कार्य पूरा हुआ है। जल्द ही अवशेष भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर तीर्थ पुरोहितों को हैंड ओवर कर दिया जाएगा।
वार्ता के दौरान जिलाधिकारी ने तीर्थ पुरोहितों को बताया कि धाम में मास्टर प्लान प्रस्तावित है। प्रस्तावित मास्टर प्लान में यात्रियों की सुविधाओं व तीर्थ पुरोहितों की सुविधाओं को देखते हुए विभिन्न प्रकार की परिसंपत्तियों का निर्माण शासकीय भूमि में प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने बताया कि मास्टर प्लान का तात्पर्य है कि विकास कार्यो को नियोजित तरीके से किया जाय। पुरोहितों की समय समय पर केदारपुरी के सौंदर्यीकरण, यात्रियों की आवश्यकताओं व अन्य आवश्यकता यथा भोगमण्डी, पुजारी आवास, ईशानेश्वर मंदिर निर्माण, अस्पताल, घंटा आदि निर्माण कार्यों को ही मास्टर प्लान की अधिसूचना जारी होने के बाद शुरू किया जाएगा। वार्ता में पुरोहितों ने बताया कि उन्हें डर शंका है कि सरकार उनके पूर्व में स्वीकृत भवनों का निर्माण नहीं करेगी, जिस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बताया कि सरकारी अनुबंधों के अनुरूप उनके भवनों का निर्माण कार्य व अन्य कार्य किये जायेंगे।
आपको बता दें कि केदारनाथ में बीते तीन माह से तीर्थपुरोहित मास्टर प्लान व देवस्थानर्म बोर्ड के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। तीर्थ पुरोहितों की जिलाधिकारी से हुई वार्ता के बाद हालांकि तीर्थपुरोहितों ने आन्दोलन समाप्त करने का निर्णय नहीं लिया, लेकिन ये निर्णय जरूर लिया गया कि केदारनाथ विधायक के नेतृत्व में जल्द तीर्थपुरोहितों का शिष्टमण्डल मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात करने देहरादून जायेगा।

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