अभी जो मास्क अच्छे से अपने चेहरे पर लगा रहा है। साथ ही बार-बार अपने चेहरे पर हाथ नहीं लगा रहा है और ऑफिस या भीड़ भाड़ वाली जगह से आने के बाद नहा रहा है। इधर उधर बाजू में बाहर जाने के बाद ठीक से 20 सेकंड हाथ धो रहा है या सैनिटाइजर से हाथ साफ कर रहा है तो गारंटी से उसको कोरोना होगा ही नहीं।
दिल्ली के डॉक्टर नहीं पहनते पीपीई किट
दरअसल दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एक डॉक्टर अजीत जैन अपने अस्पताल में ऑपरेशन या हॉस्पिटल में राउंड के दौरान पीपीई किट नहीं पहनते हैं वह सिर्फ चेहरे पर एन 95 मास्क, उसके ऊपर ट्रिपल लेयर मास्क, फेस शील्ड और सर्जिकल कैप पहनते हैं। वह लॉक डाउन की अवधि से लेकर अब तक 1000 से ज्यादा मरीज देख चुके हैं और करीब 10 बार कोविड टेस्ट करवा चुके हैं लेकिन उन्हें अभी कोई संक्रमण नहीं हुआ है, जबकि उनके बाकी के साथी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी पूरी पीपी किट ग्लव्स, मास्क आदि सब पहनते हैं।
जैन कहते हैं इसका मतलब यह नहीं है कि मैं लापरवाह हूं मैंने अपना निर्णय काफी आकलन करके दिया है और मैं दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रोसाइट नहीं कर रहा हूं और जहां तक मेरे साथ मेरा सवाल है तो ऐसा करने से मुझे लाभ हो रहा है।
जैन बताते हैं, “मैंने अपने सहयोगियों के साथ बहुत विचार-विमर्श और चर्चा के बाद निर्णय लिया। यह मेरी समझ है, ”उन्होंने कहा। “हम जानते हैं कि वायरस एरोसोल स्प्रे से फैलता है जो नाक और मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यदि शरीर के उन दो हिस्सों को ठीक से सील किया गया है और आप सावधान हैं कि आपके नाक और मुंह के संपर्क में नहीं आए, तो यह वायरस कैसे होगा?”
ओम बिरला
ऐसे ही कई राजनीतिक भी इसी तरह की सावधानी बरत रहे हैं। वे लोगों से मिलना जुलना और सार्वजनिक जीवन में रहने के बावजूद संक्रमण से बचे हुए हैं। इसका सिर्फ एक ही कारण है कि वह बहुत ज्यादा सावधान हैं।
उदाहरण के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला मास्क पहनने को लेकर काफी सजग हैं और खुद की स्वच्छता पर बहुत ध्यान रखते हैं। वह रोजाना बहुत सारे लोगों से मिलते हैं लेकिन सबसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखते हैं। वह अब तक 10 बार टेस्ट करा चुके हैं और दूसरों को भी टेस्ट कराने की गुजारिश करते हैं।
—-