लॉकडाउन और उसके बाद ऑनलाइन क्लासेज ने बच्चों की आंखों पर बहुत ही ज्य़ादा असर डाल दिया है। बच्चों को सिर दर्द और आंखों में दर्द जैसे बीमारियों ने घेर लिया है। ज्यादातर बच्चे कोरोना के डर से ना तो बाहर खेलने जा पा रहे हैं। दूसरी और स्कूलों की ऑनलाइन क्लासेज के कारण उन्हें घंटों घंटों तक कंप्यूटर के सामने बैठना पड़ रहा है। इससे बच्चों की आंखें कमज़ोर हो गई हैं।
एक्यू आईकेयर की डॉ. सुनीता के मुताबिक समस्या ऑनलाइन क्लासेज नहीं है। बल्कि एक तरीका चाहिए कि इसको इस्तेमाल कैसे करना है। कितनी दूरी से स्क्रीन देखते हैं, कैसे बैठते हैं। परेशानी इस बात से है कि ऑनलाइन क्लासेज घर से हो रही हैं। और घर का माहौल आराम वाला होता है। लिहाजा जब आराम से बैठकर क्लासेज करते हैं तो पॉस्चर खराब हो जाता है। इसी वजह से सिर और आंखों में दर्द और परेशानियां हो रही हैं। अगर वो स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं तो बड़ा स्क्रीन होनी चाहिए। अगर मोबाइल पर क्लासेज करत हैं तो लंबे समय से बच्चों के लगातार स्क्रीन देखने की वजह से आखों पर ज़ोर पड़ता है और आंखे थक जाती हैं। बच्चों को लेटकर पढ़ने से रोकना चाहिए। स्क्रीन टाइम भी कम होना चाहिए। एक घंटे से ज्य़ादा स्क्रीन टाइम होने पर आंखों के लिए एक्साइज करना बहुत जरूरी है। आंखों का टेस्ट भी कराना चाहिए कि कहीं कोई नंबर तो नहीं है। अगर नंबर है तो चश्मा लगाकर ही पढ़ना चाहिए।
दरअसल पिछले कुछ महीनों से बच्चे घर के अंदर बंद है ऐसे में समय बिताने के लिए मोबाइल और टीवी का ही सहारा बच्चों को हैं। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज की वजह से भी बच्चों को आंखों की समस्या पैदा हो गई है।