कई राज्यों में रावण के पुतले बनाने वाले कारीगर कोरोना महामारी के चलते अब भूखे मरने की कगार पर आ चुके है।बेरोजगारी ओर लाचारी के कारण अब रोने के सिवाए इनके पास कुछ नहीं है। हर साल 50 से ज्यादा पुतले बनाने वाले राजू रावण के पास इस साल कोई काम नही है,कारण है कोरोना महामारी।दहन के लिए हजारों लाखों पुतले बना चुके राजू रावण ने कभी नही देखा रावण दहन,राजू रावण का कहना है कि हर घर मे रावण है किस किस को दहन करोगे।कोरोना महामारी के कारण लोगो की भीड़ न बढ़े इस लिए इस साल रावण के पुतले बनाने का एक भी आर्डर नही मिला।
पीढ़ी दर पीढ़ी रावण के पुतले बनाते बनाते रावण नाम से मशहूर राजू रावण ने कभी सोचा भी नही था कि कोरोना महामारी उनको निवाले के लिए भी मोहताज़ कर देगी।हर साल 40 से 50 रावण के पुतले बनाने वाले राजू रावण के पास इस साल कोई काम नही है,वजह है कोरोना महामारी।दरसल रोहतक के बाबरा बाजार में रहने वाले राजू रावण की कई पीढियां रावण, मेघनाथ ओर कुंभकर्ण के पुतले बनाते है,हरियाणा ही नही देश के कई राज्यों में पुतले बनाने का काम करते है, लेकिन इस साल कोरोना महामारी ऐसी फैली की राजू रावण बेरोजगार हो गया और खाने तक के लाले पड़ गए।अब राजू रावण के पास कोई रोजगार नही है।इस साल कोरोना के कारण भीड़ न बढ़े इस अंदेशे के तहत किसी ने भी इस साल पुतले बनाने का आर्डर नही दिया,जबकि हर साल 50 से 70 पुतले बनाने के आर्डर अलग अलग राज्यों से आते थे लेकिन इस साल कोरोना के चलते कोई आर्डर नही आया।
वही दूसरी ओर बच्चपन से रावण के पुतले बनाने वाले राजू रावण का कहना है हमारी कई पीढियां रावण के पुतले बनाती रही जिसके चलते मेरा नाम भी रावण पड़ गया।उन्होंने कहा पिछले 40 सालों से मैं भी रावण के पुतले बना रहा हु लेकिन इस साल कोई आर्डर नही मिला जबकि इससे पहले हर साल 50 से ज्यादा आर्डर मिलते थे।राजू रावण ने कहा कि आज तक इतने पुतले बनाए लेकिन कभी भी रावण को धन होंते नही देखा इतना कह कर राजू रावण फबक फबक कर रोने लगे।गौरतलब है कि रोहतक के रहने वाले राजू रावण 40 वर्षो से रावण के पुतले बनाने का काम कर रहे है,लेकिन इस साल कोरोना के चलते उन्हें कोई आर्डर नही मिला जिसके बाद राजू रावण के परिवार पर भूखे मरने की नोबत आ चुकी है।