BJP के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस (Devendra Fadnavis) और शिवसेना (Shivsena) नेता संजय राउत की गुपचुप मुलाकात के पब्लिक में आने के बाद अब दोनों ओर से सफाई देने की कोशिशें भी शुरू हो गई हैं। जहां फडनवीस ने कहा है कि ये मुलाकात सामना के लिए एक इंटरव्यू के लिए थी। दूसरी ओर राउत ने कहा था कि हमारे वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। लेकिन हम दुशमन नहीं हैं।
लंबे समय से एक दूसरे से नाराज चल रहे बीजेपी और शिवसेना अब लगता है थोड़ा करीब आने की कोशिशों में है। इसके पीछे के दो कारण है पहला सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद पूरे देश में शिवसेना की इज्जत को काफी नुकसान पहंचा है। कहीं ना कहीं पूरे मामले में राज्य सरकार पर सवाल ही खड़े किए हैं। अब जिस तरफ पूरा इंवेस्टिगेशन जा रहा है। उससे शिवसेना की फिल्म इंडस्ट्री पर पकड़ काफी कमज़ोर हो जाएगी। इससे शिवसेना को पार्टी चलाने में पैसे की दिक्कतें आ सकती हैं। लिहाजा शिवसेना की मजबूरी है कि इस मामले में वो बीजेपी की मदद ले। दूसरी ओर बीजेपी में से एनडीए का एक ओर बड़ा साथी अकाली दल चला गया है। ऐसे में केंद्र सरकार सभी दलों में अपने दोस्तों को रखना चाहती है। लिहाजा शिवसेना के साथ बातचीत भी चल रही है।
मुलाकात के बाद शिवसेना ने नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी और हमारे आपस में वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हमारी इस बैठक के बारे में जानकारी है।
गौरतलब है कि मुंबई के एक पांच सितारा होटल में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस एवं शिवसेना नेता संजय राउत की डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात ने कयासों लग रहे थे। हालांकि, राउत और भाजपा की तरफ से इस मुलाकात के राजनीतिक निहितार्थ नहीं निकालने की बात कही गयी है। लेकिन, फड़नवीस के करीबी नेता प्रवीण दरेकर का कहना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। इससे पहले भी दोनों पार्टियां पिछले कुछ दिनों से एक दूसरे के खिलाफ कोई बड़ा हमला नहीं कर रही है। इसे इन दोनों के बीच संबंध कुछ बेहतर होने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
2020-09-27