भारत ने पिछले 40 दिनों में दस मिसाइलों के सफल परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया है। इनमें से जमीन से जमीन, आसमान से ज़मीन और जमीन से आसमान सभी तरह की मिसाइलें हैं। भारत ने ब्रामोस मिसाइल का परीक्षण भी किया है जोकि पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक और ज्यादा दूरी तक मार कर सकती है। भारत ने एक विशेष मिसाइल रूद्रा का सफल परीक्षण भी किया है। जोकि एक एंटीरेडिएंट मिसाइल है। जोकि किसी भी रडार सिस्टम को तबाह कर सकता है।
दरअसल चीन अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है। मोदी सरकार को पता है कि चीन की किसी भी बात पर भरोसा करना ठीक नहीं है। लिहाजा सरकार जहां एक ओर चीन के साथ सभी स्तर पर बातचीत करने के तैयार हैं। वहीं दूसरी ओर अपनी मिसाइल क्षमता को भी बढ़ा रही है। ताकि किसी भी परिस्थिति में चीन को माकूल जवाब दिया जा सके। इसी वजह से डीआरडीओ लगातार मिसाइल परीक्षण कर रहा है। इसी वजह से डीआरडीओ ने 22 सितंबर को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का सफल टेस्ट किया जोकि लेजर से चलने वाली मिसाइल है, जोकि 4 किलोमीटर तक निशाना बनाती है। इसके अगले ही दिन पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल को भी दागा गया। परमाणु हथियारों को लेकर जाने की क्षमता वाली इस मिसाइल को 350 किलोमीटर दूरी तक दागा जा सकता है। इसके बाद एक अन्य घातक मिसाइल ब्रह्मोस (BrahMos Cruise Missiles) को टेस्ट किया गया। ये मिसाइल अमेरिका की टॉमहॉक (Tomahawk) क्रूज मिसाइल से भी ज्यादा खतरनाक है। ये बहुत ही फ्लेक्सिबल मिसाइल है जिसको जमीन, हवा, पनडुब्बी या युद्दपोत से भी दागा जा सकता है। खास बात ये है कि ये मिसाइल लास्ट मुवमेंट पर अपना रास्ता भी बदला सकती है। इसको लद्दाख और अरूणाचल में तैनात किया जा चुका है। इससे पहले एक अन्य ब्लास्टिक मिसाइल शौर्य का परीक्षण किया गया था जोकि जमीन से जमीन पर मार करने वाली परमाणु क्षमता से लैस है, जो लगभग 800 किलोमीटर दूर तक वार कर सकती है। इसकी खासियत ये है कि ये टारगेट की ओर बढ़ते हुए आखिरी चरण में यह हाइपरसोनिक स्पीड हासिल कर लेती है, जिससे टारगेट का तबाह होना तय है। 9 अक्टूबर को एंटी-रेडिएशन मिसाइल का परीक्षण भी किया गया है। जोकि रडार्स को चुटकियों में तबाह कर सकती है।