देश में एक ऐसी जगह है जहां पूरे इलाके में एक भी घर में ताला नहीं लगाया जाता है। चाहे कोई घर में हो या ना हो। महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थिति ये पवित्र धाम लोगों के बीच बड़ा ही प्रसिद्ध है, शनि शिंगणापुर। ऐसा माना जाता है कि यहां आने से शनि के प्रकोप दूर होते हैं। यहां शनिदेव एक शिला के तौर पर विराजमान हैं। ये शिला खुले आसमान के नीचे एक चबुतरे पर विराजमान हैं।
कहा जाता है कि बहुत समय पुरानी बात है कि इस गांव में बहुत तेज़ बारिश होने लगी। धीरे धीरे करके पानी का स्तर बढ़ने लगा और हर चीज यहां बहने लगी। इस व्यक्ति ने इस शिला को बहते हुए देखा। बाद में जब पानी नीचे आ गया तो भी इस व्यक्ति ने ये शिला देखी। बाद में इसने सोचा कि इस शिला को तोड़कर बेच दिया जाए। लेकिन जैसे ही उस व्यक्ति ने इस शिला को तोड़ने की कोशिश की तो हर प्रहार के बाद इस शिला से खून निकलने लगा। इससे वो व्यक्ति काफी डर गया। वो भागकर अपने घर गया। वहां उसने गांववालों को भी इस शिला के बारे में बताया। लोगों ने उस व्यक्ति की बात पर यकीन नहीं किया। बाद में जब सब लोग उस शिला के पास पहुंचे तो कुछ लोगों ने शिला पर प्रहार करके देखा। शिला पर हर प्रहार के बाद खून आ जाता था। इससे सब लोग घबरा गए। इस शिला के बारे में क्या करना है। ये बात लोगों को समझ नहीं आई और अगले दिन फिर आने का सोचकर वहां से चले गए। उसी रात गांव के एक व्यक्ति को इस शिला के बारे में स्वप्न आया। स्वप्न में शनिदेव ने उस व्यक्ति से कहा कि मेरी शिला को अगर तुम गांव में लाकर स्थापित करोगे तो गांव में खुशहाली होगी। अगले दिन फिर से लोग उस शिला के पास पहुंचे। और वहां से उसको गांव में लेकर आ गए। बस तभी से ये शिला उस स्थान पर विराजमान है। आज भी गांववाले मानते हैं कि इस शिला के यहां आने के बाद इस गांव में खुशहाली बढ़ गई है। दूसरी ओर गांव वालों का ये भी मानना है कि अगर कोई गांव में चोरी करता है तो उसको शनिदेव खुद सजा देते हैं। लिहाजा इस गांव का हर घर खुला ही रहता है।