बिहार Bihar के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार CM Nitish Kumar का इस चुनाव को अपना अंतिम चुनाव last election कहना लगता है पार्टी party और एनडीए NDA को भारी पड़ सकता है। अंतिम दौर के चुनाव से पहले उनका राजनीति से रिटायरमेंट retairment लेने का स्टेटमेंट statment उनके विरोधी हार स्वीकार करने की तरह पेश कर रहे हैं। दूसरी ओर जेडीयू JDU की इस मामले पर लाख सफाई भी अब डैमेज कंट्रोल नहीं कर पा रही है।
इस चरण में जिन 78 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। उनमें से 23 सीटें पिछली बार जेडीयू ने जीती थी। जबकि 20 सीटें बीजेपी ने हासिल की थी। कुम मिलाकर दोनों ने पिछली बार 43 सीटें जीती थीं। लेकिन इस बयान के बाद परिस्थियों में फर्क आ सकता है। मतदान केंद्र पर लाइन में लगे विजय मुखिया के मुताबिक इस नीतीश बाबू के बयान से साफ हो जाता है कि उन्हें भी लग रहा है कि इस बार वो मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। इसलिए इस बयान का नुकसान तो नीतीश बाबू को होगा ही। संभावित नुकसान को देखते हुए ही जेडीयू पर इस बयान की सफाई देने का दबाव था। इसी वजह से पिछले दो दिनों से जेडीयू इस बयान की सफाई दे रहा है। खुद जेडीयू के अध्यक्ष और सांसद भीष्म नारायण सिंह ने कहा कि “राजनीति से कोई रिटायर नहीं होता है। नीतीश बाबू जबतक चाहें तब तक बिहार की जनता के लिए काम करेंगे”।
दूसरी ओर राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन हरीवंश ने भी नीतीश की तारीफ कर कहा कि “नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर बिहार के लिए बहुत काम किया, बिहार की कई योजनाओं को केंद्र सरकार ने भी मॉडल के तौर पर चला रहे हैं। उनका कोई विकल्प नहीं है”।
आज के मतदान में 15 जिलों के 78 विधानसभा क्षेत्रों के 2 करोड़ 35 लाख से अधिक मतदाता हिस्सा लेगे। जोकि 110 महिलाओं समेत 1204 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला तय करेंगे।