कोरोना Corona से जंग में आयुर्वेदिक दवाइयां Ayurveda medicine बहुत ही कारगर साबित हो रही हैं। आम जनता भी आयुर्वेद की दवाओं का इस्तेमाल काफी बढ़चढ़कर कर रहे हैं। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुछ दवाएं पांच से छह दिनों में कोरोना को ठीक कर सकती हैं।
किन दवाओं से हुआ कोरोना निगेटिव
आयुर्वेद संस्थान के जर्नल ऑफ आयुर्वेद में प्रकाशित एक स्टडी study के मुताबिक आयुर्वेदिक एंटीबॉयोटिक फीफाट्रोल, आयुष क्वाथ Ayushkwath, शेषमणि वटी Sheshmani vati और लक्ष्मीविलासा रस Laxmivilash ras से 6 दिन में कोरोना के एक मरीज को वायरस निगेटिव कर दिया।
क्या था मामला
रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल में काम करने वाला एक स्वास्थकर्मी टाइफाइड के साथ साथ कोरोना वायरस पॉजिटिव हो गया था। जांच रिपोर्ट आने के बाद उस मरीज को कोरोना के लक्षण दिखने लगे। उसको बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, आंखों में दर्द, स्वाद न आना और उसने सुंगध खो दी। मरीज की स्थिति गंभीर होने के बाद उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अध्ययन पत्र लिखने वाले डॉ. शिशिर कुमार मंडल के मुताबिक इस मरीज को पूरी तरह से आयुर्वेद दवाएं दी गई थी। इससे वो सिर्फ 6 दिनों में ही ठीक हो गया। उन्होंने अपनी स्टडी में बताया कि मरीज को 500-500 एमजी फीफाट्रोल की दो डोज और साथ में आयुष क्वाथ, च्वयनप्राश, शेषमणि वटी और लक्ष्मीविलासा रस का सेवन कराया गया। इससे छह दिनों में ही मरीज का कोरोना निगेटिव हो गया। रिपोर्ट मिलने के बाद उसे डिस्चॉर्ज किया गया।
क्या है दवाओं का मिश्रण
दरअसल फीफाट्रोल दवा में सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन कीर्ति रस व मत्युंजय रस का मिश्रण है। वहीं तुलसी, कुटकी, चिरायता, गुडुची, करंज, दारुहरिद्रा, अपामार्ग व मोथा भी हैं। ठीक इसी प्रकार आयुष क्वाथ में दालचीनी, तुलसी, काली मिर्च और सुंथी है। जोकि शरीर में एंटीबायोटिक तत्व के तौर पर काम करती हैं। इससे कोरोना जैसी फैलने वाली बीमारियों पर तुरंत काबू पाया जा सकता है।