अगर आपको लोगों के बीच जाते हुए डर लगता है, या फिर ऑफिस में आप जितना काम करते हैं, उतनी तरक्की नहीं मिलती तो आपको सुबह उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए। जिन लोगों का सूर्य कमज़ोर होता है, उन लोगों को अपने किए गए कामों के हिसाब से फल नहीं मिलता है। इससे उनमे निराशा पनपने लगती है। इस निराशा को दूर करने के लिए भगवान सूर्यदेव की कृपा जरूरी है। आत्मविश्वास की कमी में भी आपको भगवान सूर्य को रोज़ाना जल चढ़ाना चाहिए। इससे आपका सूर्य बेहतर होगा और आपको कामों का फल मिलने लगेगा। पूरी पृथ्वी पर सूर्य की किरणों से जीवन मिलता है। प्रकृति के नियमों के हिसाब से भी भगवान सूर्य जीवन को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक हैं, लेकिन सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय कई बातों का ख्याल रखना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि भगवान सूर्य को जल कैसे चढ़ाया जाए..
कैसे चढ़ाएं जल
सबसे पहले कोशिश करनी चाहिए कि सुबह जल्दी उठें, अगर आप जल्द ही बिस्तर छोड़ देते हैं तो आपको पूरा दिन काम करने के लिए ज्य़ादा घंटे मिल जाते हैं। इसके बाद नित्यकर्म निबटा लें और कोशिश करें कि जल्द से जल्द नहा लें।
इसके बाद तांबे के लोटे को पानी से पूरा भर लें, अब इसमें चावल, लाल कुमकुम और लाल फूल डाल लें। इसके बाद धीरे धीरे भगवान सूर्य की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य दें। एक बात का ख्याल रखें कि जल धीरे धीरे देना है। पूरा ध्यान भगवान सूर्य पर गिरते हुए जल से सूर्य देव की आती हुई किरणों पर रखें। साथ ही ऊं सूर्या देवाय नम मंत्रा का जाप करें। इसके साथ ही ध्यान दें कि अर्पित किया हुआ जल आपके पैरों में ना आएं।
अगर आप लंबे समय तक ये करते हैं तो आपको अपने अंदर एक नई ऊर्जा का अनुभव होगा। साथ ही आपको आत्मविश्वास बढ़ जाएगा और आप जो भी काम करें उनका फल भी मिलना शुरू हो जाएगा।