कांग्रेस के चाणक्य और गांधी परिवार के करीबी अहमद पटेल का कोरोना से बुधवार सुबह निधन हो गया। पटेल पिछले एक महीने से कोरोना से संक्रमित थे और अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन पर उनके बेटे ने ट्विट कर लोगों से कोरोना को गंभीरता से लेने की अपील की।
पिछले एक महीने से पटेल का इलाज गुरूग्राम मेदांता अस्पताल में चल रहा था, इसी अस्पताल में गृह मंत्री अमित शाह का इलाज भी चला था। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका। कांग्रेस में हर परेशानी को हल करने वाले पटेल अपनी बीमारी का हल नहीं ढूंढ पाए। अहमद पटेल ने 1 अक्टूबर को ट्वीट करके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी दी थी। उस वक्त किए अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि “मैं कोरोना पॉजिटिव पाया गया हूं, जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं मैं उन सभी से आग्रह करता हूं कि वे खुद को आइसोलेट कर लें”।
बेटे ने ट्वीट कर निधन की जानकारी दी
अहमद पटेल के बेटे फैसल पटेल ने उनकी मृत्यु की सूचना ट्वीट कर दी। उन्होंने लिखा है कि ‘बहुद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मेरा पिता अहमद पटेल का निधन 25 नवंबर की सुबह 3.30 बजे हो गया। करीब महीने भर पहले वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ती गई। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। आगे फैसल ने लिखा है कि “मैं सभी शुभचिंतकों से आग्रह करता हूं कि कोरोना गाइडलाइंस का विशेष रूप से पालन करें और सोशल डिस्टेंसिंग का ख़ास ख्याल रखें”।
पार्टी में था रूतबा
गुजरात से आने वाले पटेल फिलहाल सोनिया गांधी के राजनैतिक सचिव थे और वो उन कुछ लोगों में शामिल थे जोकि सीधा 10 जनपथ आ जा सकते थे। लंबे समय से गांधी परिवार के वफादार रहे पटेल का पार्टी में बहुत रूतबा था। राजनैतिक रूतबे के बावजूद अहमद पटेल कभी भी सरकार में शामिल नहीं हुए।