कोरोना का असर गरीब लोगों की बजाए मध्यमवर्गीय और अमीर लोगों ज्य़ादा हो रहा है। कई जगहों पर गरीब लोगों में कोरोना को नहीं देख जा रहा है। जबकि अमीर या माध्यमवर्गीय लोगों में कोरोना पॉजिटिविटी रेट ज्य़ादा मिल रहा है।
दरअसल कोरोना शुरू में तो गरीब इलाकों में तेज़ी से फैला, मुंबई का धारावी और दूसरे इलाकों में एक समय कोरोना ने कहर ढाया था। लेकिन थोड़े समय के बाद वो गरीब इलाकों की बजाए दूसरे इलाकों में शिफ्ट हो गया। उत्तर प्रदेश के कानपुर में कोरोना टेस्ट में ये साफ हो गया कि ये बीमारी गरीबों में उनकी बेहतर इम्युनिटी की वजह से कम फैल रही है। जबकि जिन लोगों की इम्युनिटी कमज़ोर है। उनमें ये तेज़ी से पैर पसार रही है।
उत्तर प्रदेश के कानपुर इलाके में 19 नवंबर को इंदिरानगर, अलीगंज, फैजुल्लागंज बंधा रोड, गोमतीनगर समेत कई इलाकों की मलिन बस्तियों में सात हजार से ज्य़ादा लोगों का कोरोना टेस्ट कराया गया था। लेकिन इन बस्तियों में एक भी संक्रमित नहीं मिला।
जिला कांटेक्ट ट्रेसिंग के प्रभारी डॉ. एमके सिंह ने बताया कि, गरीब बस्तियों में कोरोना का ग्राफ अभी तक ज़ीरो है। हम इन इलाकों में लगातार टेस्ट कर रहे हैं। लेकिन यहां कोरोना संक्रमण नहीं मिला है।
स्वास्थ्य विभागों के बड़े अधिकारी मुताबिक गरीब बस्तियों में रहने वालों की इम्युनिटी काफी मजबूत होती है। ऐेसे में उन पर वायरस का असर हमें अभी तक इस जिले में नहीं दिखा, दूसरी ओर एसी कमरों में रहने वालों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसलिए जिन इलाकों में एसी का इस्तेमाल ज्य़ादा होता है वहां कोरोना संक्रमण काफी मिल रहा है। नवंबर में अलग-अलग बस्तियों में कराई गईं करीब सात हजार से अधिक जांचों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। लेकिन हम दूसरे इलाकों में टेस्ट करते हैं तो वहां अच्छी ख़ासी संख्या में कोरोना मरीज मिल जाते हैं।