E-commerce: कंपनियों पर नज़र रखेगी सरकार

ई-कॉमर्स कंपनियों (E-commerce companies) पर नकेल के लिए सरकार ने एक कदम और उठाया है। सरकार ने एक ऐसी कमेटी का गठन (committee for e-commerce ) कर दिया है। जोकि इन कंपनियों के लिए पॉलिसी बनाएंगी (Policy for E commerce companies)। इन कंपनियों को कानून के दायरे में बेहतर काम करने के लिए इनपर नजर रखेंगी और साथ ही नए प्लेटफार्म को बढ़ावा भी देंगी।

ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए विशेषज्ञ कमेटी

इससे पहले ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के लिए पॉलिसी तो थी। लेकिन उसपर नजर रखने के लिए अलग से कोई टीम नहीं थी। जोकि इस सेक्टर में होने वाली गतिविधियों को सरकार को बताए और उसे ठीक करने के लिए काम करे। पहले कामर्स मिनिटिस्ट्री का एक विभाग इस मामले को देखता था। लेकिन उसमें एक्सपर्ट नहीं थे। अब सरकार ने टीम बना दी है। इस सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की कमेटी में डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स, मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी मिनिस्ट्री, मिनिस्ट्री ऑफ MSME और नीति आयोग के प्रतिनिधियों तो तो रखा गया ही है। साथ ही क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन आदिल जैनुलभाई, NPCI टेक्नोलॉजी के सीईओ दिलीप अस्बे, NSDL टेक्नोलॉजी के सीईओ सुरेश सेठ भी इस कमेटी में जगह दी गई है। कमेटी की कमान एक सरकारी अधिकारी के हाथों में दी जाएगी।

कमेटी का अध्यक्ष डिपार्टमेंट फॉर द प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) के वरिष्ठ अधिकारी को बनाया गया है। इस कमेटी को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) नाम से जाना जाएगा। जानकारी के मुताबिक ये कमेटी एक स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म को भी बढ़ावा देने का काम करेगी।

परंपरागत रिटेल नेटवर्क को पहुंचा नुकसान

फिलहाल देश में अमेजन फ्लिपकार्ट Amazon-Flipkart और कई ई-कॉमर्स कंपनियां हैं,जिनका टर्नओवर हज़ारों करोड़ रूपये में पहुंच गया है। इससे देश के परंपरागत रिटेल नेटवर्क को नुकसान पहुंचा है। इसको देखते हुए सरकार ने ये कदम उठाया है। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का नारा दिया है। इसके लिए एक ऐसे प्लेटफार्म को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। जिसपर छोटी छोटी कंपनियां भी अपने उत्पाद बेंच सकें।

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