Farmers protest update: सरकार और किसानों के बीच बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है। (Government called farmers for discusstion)। सरकार ने बातचीत में एक समिति बनाकर मामले को हल करने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन किसानों ने इसको अस्वीकार कर दिया। अब सरकार ने किसानों को बिल पर अपनी तमाम आपत्तियां 3 दिसंंबर की बातचीत में लेकर आने के लिए कहा है। ताकि सरकार इसपर काम कर सके। सरकार ने इस आंदोलन में शामिल 35 संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया था।
सरकार ने किसान संगठनों के नेताओं को सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए विज्ञान भवन बुलाया था। बैठक करीब तीन घंटे तक चली। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ साथ रेलवे और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोमप्रकाश भी शामिल थे।
सरकार की ओर से किसानों से जल्द से जल्द बातचीत के पीछे कोरोना संक्रमण को बताया जा रहा है। चूंकि भारी संख्या में किसान बार्डर जुटे हुए हैं। ऐसे में इन किसानों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है। लिहाजा सरकार ने इन्हें सोमवार को बातचीत के लिए बुलाया है।
पिछले 6 दिनों से केंद्र के तीनों कृषि बिलों को लेकर किसानों ने दिल्ली बार्डर पर डेरा डाला हुआ है। किसानों के संगठनों ने इन बिलों को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाया हुआ है। पहले किसानों ने पंजाब में रेल रोकी थी। लेकिन वहां जरूरी चीजों की कमी होने के बाद किसानों ने पंजाब से उठकर दिल्ली का रूख कर लिया। अब पिछले 6 दिनों ने किसानों ने दिल्ली के सिंधु बार्डर और टिकरी बार्डर पर डेरा डाला हुआ है।
इससे पहले सरकार से बातचीत की शर्त को किसानों ने ठुकरा दिया था और पूरी दिल्ली को घेरने की घोषणा कर दी थी। इसके बाद गाज़ीपुर बार्डर पर भी किसानों ने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी थी। सोमवार की बातचीत से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के बीच बातचीत और बैठकों के कई दौर चले।