अक्सर टीवी में बच्चों का आर्शिवाद देते हुए दिखने वाले एमडीएच मसालों के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया। वो 98 साल के थे। महाशय धर्मपाल को मसाला किंग के नाम से भी जाना जाता है। महाशय धर्मपाल का जन्म (27 मार्च 1923) पाकिस्तान के सयालकोट में हुआ था। उनके पिता ने वहां शहर में एक छोटी से दुकान खोली थी। लेकिन ये विभाजन से पहले खोली गई थी। लिहाजा विभाजन के बाद महाशय का पूरा परिवार अपना कारोबार छोड़कर दिल्ली आ गया। बाद में दिल्ली में उन्होंने तांगा चलाकर अपने परिवार का पेट पाला। लेकिन धीरे धीरे वो मसालों के कारोबार में अपना हाथ आजमाने लगे। बस यहीं से एमडीएच मसालों की नींव पड़ी।
जिंदादिली के मशहूर थे महाशय
अपनी जिंदादिली के लिए मशहूर महाशय धर्मपाल अक्सर अपने संघर्ष की कहानी बताया करते थे कि किस तरह से उन्होंने तांगा चलाया और बाद में अपनी मेहनत के दम पर मसालों का कारोबार खड़ा किया। वो लोगों की मदद के लिए भी जाने जाते थे। वे धर्म के कामों में अक्सर आगे नज़र आते थे।
सरकार ने भी भारतीय कारोबार जगत में उनकी पहचान को देखते हुए और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बेहतर काम काज के लिए पद्वमविभूषण से नवाजा था। पिछले साल ही महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महाशय धर्मपाल को ये अवार्ड दिया था।
पिछले दिनों उन्हें कोरोना हो गया था। इसके बाद से ही वो अस्पताल में भर्ती थे। कोरोना को तो महाशय ने मात दे दी थी। लेकिन हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। वे माता चानन देवी अस्पताल में भर्ती थे।